बुध, मंगल, बृहस्पति, शनि... एक कतार में होंगे छह-छह ग्रह, 3 जून को दिखाई देगा यह दुर्लभ नजारा
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बुध, मंगल, बृहस्पति, शनि... एक कतार में होंगे छह-छह ग्रह, 3 जून को दिखाई देगा यह दुर्लभ नजारा

Planet Alignment 2024: अगले महीने आसमान में एक दुर्लभ नजारा दिखाई देगा. बुध, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण... ये छह ग्रह एक कतार में नजर आएंगे.

बुध, मंगल, बृहस्पति, शनि... एक कतार में होंगे छह-छह ग्रह, 3 जून को दिखाई देगा यह दुर्लभ नजारा

Planetary alignment 2024: रात में आसमान निहारने के शौकीन तैयार हो जाएं. 03 जून 2024 को आप एक अनूठी खगोलीय घटना के गवाह बन सकते हैं. उस रात आसमान में आपको सौरमंडल के एक-दो नहीं, छह ग्रह एक कतार में नजर आएंगे. बुध, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण एक सीध में दिखेंगे. विज्ञान की भाषा में इस घटना को प्लैनेटरी अलाइनमेंट कहा जाता है. छह-छह ग्रहों की यह लाइन दुनिया के कुछ खास हिस्सों में ही दिखेगी, वह भी सीमित समय के लिए. बुध, मंगल, बृहस्पति और शनि को तो नंगी आंखों से देखा जा सकेगा. अरुण और वरुण के लिए हाई पावर वाले बायनोकुलर या टेलीस्कोप की जरूरत होगी. इस साल ग्रहों की कतार लगने का यह दूसरा वाकया होगा. 2024 सूर्य ग्रहण के दौरान भी बृहस्पति, शुक्र, शनि और मंगल एक सीध में थे.

प्लैनेटरी अलाइनमेंट के पीछे का साइंस

प्लैनेटरी अलाइनमेंट को समझने के लिए हमारे सौरमंडल की डायनैमिक्स समझना जरूरी है. अगर आप इसे एक किनारे से देखेंगे तो पता चलेगा कि पृथ्‍वी समेत सारे ग्रह एक अपेक्षाकृत समतल तल में सूर्य की परिक्रमा करते हैं जिसे सूर्यपथ या Ecliptic कहा जाता है. पृथ्‍वी की कक्षा इस सूर्यपथ से एकदम परफेक्ट अलाइन होती है. बाकी सारे ग्रह सूर्यपथ से थोड़ा इधर-उधर झुके हुए हैं.

जब ये सभी इस तरह अलाइन होते हैं कि कई ग्रह एक साथ आकाश में दिखते हैं तो वे अक्सर एक लाइन में नजर आते हैं. यह लाइन जरूरी नहीं कि हमेशा सीधी हो, मगर नजारा बेहद खूबसूरत होता है. इस अनूठी घटना के पीछे ग्रहों का गुरुत्वाकर्षण बल काम करता है. 

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इस दुर्लभ घटना के गवाह कैसे बनें?

यह खगोलीय घटना 3 जून को अपने चरम पर होगी. उससे कुछ दिन पहले और कुछ दिन बाद तक, ग्रहों को एक कतार में देखा जा सकेगा. यह नजारा हमें ऐसे इलाके से ही दिखेगा जहां बेहद कम प्रकाश प्रदूषण हो और पूर्वी क्षितिज का क्लियर व्यू दिखता हो. बृहस्पति, मंगल और अरुण आसमान में नीचे नजर आएंगे यानी सभी छह ग्रहों को देखने के लिए बाइनोकुलर की जरूरत पड़ेगी. 

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