डार्क मैटर है तो ब्रह्मांड में एक जगह इतनी सारी बौनी आकाशगंगाएं कैसे? नई खोज से और उलझी गुत्थी
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डार्क मैटर है तो ब्रह्मांड में एक जगह इतनी सारी बौनी आकाशगंगाएं कैसे? नई खोज से और उलझी गुत्थी

Dark Matter In Milky Way: वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष के उस हिस्से में दो बौनी आकाशगंगाएं मिली हैं जहां पहले से ही बहुत सारी ऐसी आकाशगंगाएं मौजूद हैं. यहां बौनी आकाशगंगाओं की संख्‍या डार्क मैटर के तमाम मॉडलों के अनुमानों से कहीं ज्यादा है.

डार्क मैटर है तो ब्रह्मांड में एक जगह इतनी सारी बौनी आकाशगंगाएं कैसे? नई खोज से और उलझी गुत्थी

Dark Matter Mystery: वैज्ञानिकों ने हमारी Milky Way की दो नई सैटेलाइट आकाशगंगाओं की खोज की है. अभी तक हमें ऐसी 60 से ज्यादा छोटी, धुंधली बौनी आकाशगंगाएं मिल चुकी हैं. दोनों नई सैटेलाइट गैलेक्सी- Virgo III और Sextans II, ऐसे इलाके में खोजी गई हैं जो पहले से ही डार्क मैटर के तमाम मॉडलों की भविष्यवाणी की तुलना में अधिक बौनी आकाशगंगाओं से भरा हुआ है.

Virgo III और Sextans II की खोज, जापान की नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी के डाइसुके होम्मा के नेतृत्व वाली टीम ने की. होम्मा और उनकी टीम की रिसर्च Publications of the Astronomical Society of Japan में छपी है.

डार्क मैटर से भरी हैं आकाशगंगाएं!

ब्रह्मांड के सबसे बड़े रहस्यों में से एक, डार्क मैटर वह पदार्थ है जो नजर नहीं आता. हालांकि ब्रह्मांड में मौजूद अतिरिक्त गुरुत्वाकर्षण को सामान्य पदार्थ से समझाया नहीं जा सकता, इसलिए माना जाता है कि वह डार्क मैटर की वजह से होता है. आकाशगंगाएं, जिनमें Milky Way भी शामिल है, इस रहस्यमय पदार्थ से भरी हुई हैं और इससे घिरी हुई हैं. इससे आकाशगंगाओं के घूमने की रफ्तार और तेज होती है और सैटेलाइट आकाशगंगाओं को आकर्षित करने, बनाए रखने और अंततः उन्हें निगलने के लिए अधिक गुरुत्वाकर्षण शक्ति मिलती है.

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डार्क मैटर पर आधारित मॉडल हमें बताते हैं कि किस जगह पर कितनी बौनी आकाशगंगाएं मिलनी चाहिए. लेकिन Virgo III और Sextans II की खोज हैरान करती है. होम्मा और उनकी टीम ने Hyper Suprime-Cam (HSC) Subaru Strategic Program (SSP) के डेटा की मदद से अंतरिक्ष के एक हिस्से पर स्टडी की. डार्क मैटर के मॉडलों के अनुसार, इस हिस्से में लगभग चार बौनी आकाशगंगाएं होनी चाहिए थीं. दो नई आकाशगंगाओं की खोज के बाद यहां बौनी आकाशगंगाओं का आंकड़ा नौ तक पहुंच गया है.

सैटेलाइट गैलेक्सी: एक जगह इतनी ज्यादा कैसे?

होम्मा के अनुसार, 'पहले से ज्ञात चार सैटेलाइट गैलेक्सी को शामिल कर लें तो HSC-SSP फुटप्रिंट में कुल नौ सैटेलाइट गैलेक्सी हैं.' उन्होंने कहा, 'बेहद मंद बौनी आकाशगंगाओं की खोज की दर, ठंडे डार्क मैटर के हालिया मॉडलों में मिल्की वे सैटेलाइट्स की अपेक्षित जनसंख्‍या से कहीं ज्यादा है, जिससे यह पता चलता है कि हम 'बहुत ज्यादा सैटेलाइट्स' की समस्या का सामना कर रहे हैं.'

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मिल्की वे के डार्क मैटर पर बने मॉडलों के आधार पर, एस्ट्रोनॉमर्स को लगता है कि अभी तक जितनी बौनी आकाशगंगाएं मिली हैं, उससे कहीं ज्यादा होनी चाहिए.  डार्क मैटर का सबसे अच्छा मॉडल भविष्यवाणी करता है कि करीब 220 बौनी आकाशगंगाएं Milky Way की परिक्रमा करती होंगी. अगर HSC-SSP फुटप्रिंट को आधार बनाएं तो यह आंकड़ा 500 के पार चला जाएगा. यह भी संभव है कि HSC-SSP फुटप्रिंट में औसत से ज्यादा सैटेलाइट गैलेक्सी मौजूद हों.

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