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नई दिल्ली: यौन संबंधों के दौरान कुछ सावधानियां जरूरी है। आम तौर पर तमाम जागरूकता के बावजूद समाज में एक बड़ा वर्ग इस प्रकार की जरूरी जानकारियों से अंजान होता है। यौन संबंधों के दौरान यह जरूरी है कि जाने और अनजाने में एक व्यक्ति कैसे इन बीमारियों का शिकार हो जाता है जो जानलेवा साबित हो सकती है।
एचआईवी/ एड्स (HIV/ AIDS)
ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस या एचआईवी (human immunodeficiency virus or HIV) एक ऐसा संक्रामक वायरस है जिससे पिछले तीन दशक में 25 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस वक्त दुनिया में 33.4 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित हैं या एड्स (AIDS) से ग्रसित है। एचआईवी अन्य वायरस और बैक्टीरिया से लड़कर उन्हें मारने के लिए जिम्मेदार रक्त में उपस्थित टी-सेल्स (T-cell) या सीडी4 सेल्स (CD4-cells) को नष्ट कर देता है । इसलिए यौन संबंध के दौरान इन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि आप इस वायरस के संपर्क में नहीं आए।
असुरक्षित यौन संबंध
असुरक्षित यौन संबंधों के बारे में कई लोग जागरुक नहीं होते। इसी वजह से कई तरह की परेशानियों में घिर जाते हैं। असुरक्षित यौन संबंधों को लेकर लोगों में कई प्रकार की दुविधा होती है। असुरक्षित यौन संबंधों का अर्थ है यौन संचारित रोगों को जानना, संक्रमण की संभावनाओं इत्यादि के बारे में जागरूक होना। असुरक्षित यौन संबंधों का अर्थ है, सेक्स के दौरान सावधानियां न बरतना और उससे जुड़ी बीमारियों के संपर्क में आ जाना। इन सावधानियों में जरूरी है कि सेक्स जोर-जबरदस्ती से न किया जाए। असुरक्षित यौन संबंधों के दौरान यौन संचारित रोगों के होने का खतरा बना रहता है।
पुरूष या महिला में से किसी को यौन संबंधी इंफेक्शेन होने से भी संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
एक से ज्यादा सेक्स पार्टनर
एक से ज्यादा साथी फिर चाहे वह महिला हो या पुरूष के साथ संबंध बनाने से संक्रमण हो सकता है। एक से ज्यादा पार्टनर से यौन संबंध रखने पर एचआईवी से संक्रमण का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। एक से ज्यादा साथी फिर चाहे वह महिला हो या पुरूष के साथ संबंध बनाने से एचआईवी संक्रमण हो सकता है।
यौन सम्बन्धों से फैलने वाले रोग
यौन सम्बन्धों से फैलने वाले किसी भी रोग , समूह के लिए एस टी डी अर्थात यौन सम्बन्धों द्वारा संचरित रोग शब्दों का उपयोग किया जाता है। एसटीडी रोग बहुत आम है और बहुत छूत फैलाने वाले होते हैं, अगर जल्दी पकड़ में आ जाए तो आसानी से ठीक भी हो सकते हैं। एसटीडी के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं - औरतों में योनि के आसपास खुजली और या योनि से स्राव । यौन संबध के और मूत्र त्याग के समय पीड़ा । जननेन्द्रिय के आसपास लाल जख्म । असामान्य छूत के रोग, न समझ आने वाली थकावट, रात को पसीना और वजन का घटना आदि लक्षण हो सकते है।