2023 में खोजा गया धूमकेतु Tsuchinshan-ATLAS चमका, इस महीने खुली आंखों से देखे जाने की संभावना
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2023 में खोजा गया धूमकेतु Tsuchinshan-ATLAS चमका, इस महीने खुली आंखों से देखे जाने की संभावना

Tsuchinshan-ATLAS: 80 हजार से अधिक की कक्षा वाला एक लंबी अवधि का यह धूमकेतु हमारे सौर मंडल के सुदूर क्षेत्र ऊर्ट क्लाउट से उत्पन्न होता है. इसे बर्फीले पिंडों का एक विशाल और गोलाकार खोल माना जाता है.

 

2023 में खोजा गया धूमकेतु  Tsuchinshan-ATLAS चमका, इस महीने खुली आंखों से देखे जाने की संभावना

2023 की शुरुआत में खोजा गया धूमकेतु त्सुचिनशान-एटलस (सी/2023 ए3) लगातार चमक रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक, पूर्ण सूर्य ग्रहण और तीव्र सौर सुपरस्टॉर्म जैसी खगोलीय घटनाओं के बाद इस धूमकेतु के साल के अंत में खुली आंखों से देखे जाने की भविष्यवाणी की गई है. यह धूमकेतु कन्या राशि में स्थित है और वर्तमान में मंगल और बृहस्पति के बीच घूम रहा है.

धूमकेतु A3 के अक्टूबर में काफी तेज चमकने की उम्मीद है. और यह संभावित रूप से रात के आकाश में शुक्र ग्रह जितना चमकदार हो जाएगा. अगर ऐसा होता है तो यह इस वर्ष का धूमकेतु या हो सकता है कि सदी का धूमकेतु भी बन सकता है. हालांकि, इसे केवल बड़ी दूरबीन की मदद से ही देखा जा सकता है.

धूमकेतु सी/2023 ए3 पिछले साल खोजा गया एक लंबी अवधि का धूमकेतु है. जब इसे खोजा गया था उस वक्त भी यह काफी सुर्खियों में रहा क्योंकि इसे दो अलग-अलग खगोलीय सर्वेक्षणों द्वारा खोजा गया था. एक सर्वेक्षण चीन में किया था जबकि दूसरा दक्षिण अफ्रीका में.

रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमान है कि 10 अक्टूबर 2024 को धूमकेतु A3 ज्यों ही सूर्य के करीब आएगा उसे खुली आंखों की मदद से देखा जा सकेगा. यह हाल के वर्षों में सबसे चमकीले धूमकेतुओं में भी शुमार हो सकता है. यह सब पेरिहेलियन के करीब पहुंचने पर इसके व्यवहार पर निर्भर करेगा.

इसके बाद यह सूर्यास्त के ठीक बाद उत्तरी गोलार्ध से दक्षिण-पश्चिम में सबसे अधिक दिखाई देगा. यह उम्मीद है कि अक्टूबर और नवंबर के दौरान धूमकेतु दक्षिणी आकाश में एक बेहतरीन आकर्षक बना रहेगा.

शुक्र ग्रह के समान है इस धूमकेतु की चमक

रात के आकाश में चंद्रमा के बाद शुक्र ग्रह सबसे चमकीली वस्तुओं में से एक है. इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पृथ्वी से देखी गई इसकी चमक को मापा जाता है. यह तब सबसे चमकीला दिखाई देता है जब यह अपने अर्धचंद्राकार चरण में होता है. यह स्थिति या तो सूर्यास्त के तुरंत बाद या सूर्यास्त से पहले होता है. इसे क्रमशः 'शाम का तारा' और 'सुबह का तारा' के रूप में भी जाना जाता है.

हालांकि, धूमकेतु अपनी सबसे चमकीली स्थिति में भी क्षितिज पर कम चमकीला हो सकता है. जबकि उत्तरी गोलार्ध में धुंध के कारण अस्पष्ट हो सकता है.

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