विराट कोहली पर रहेगा टीम इंडिया का दारोमदार, ‘स्टार्क एंड कंपनी’ लेगी कड़ी परीक्षा
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विराट कोहली पर रहेगा टीम इंडिया का दारोमदार, ‘स्टार्क एंड कंपनी’ लेगी कड़ी परीक्षा

विकेटकीपर व विस्फोटक बल्लेबाज ऋषभ पंत परिस्थितियों से घबराते नहीं हैं और खेल को दुश्मन की गली तक ले जाने के लिए मशहूर हैं. 

विराट कोहली पर रहेगा टीम इंडिया का दारोमदार, ‘स्टार्क एंड कंपनी’ लेगी कड़ी परीक्षा

ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराना उतना ही  मुश्किल है, जितना कि पाकिस्तान को पाकिस्तान जाकर हराना. ऑस्ट्रेलिया को उनकी उछाल वाली गेंदपट्टियों पर खेलने की आदत है. उनका खेल भी ऐसी ही गेंदपट्टियों पर खेलने पर आधारित है. यह सही है डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ ऑस्ट्रेलियाई टीम में नहीं है, तो उनकी टीम बल्लेबाजी के तौर पर तो कमजोर पड़ गई है. पर गेंदबाजी में आज भी उनके तेज गेंदबाज आतंक पैदा कर सकते हैं. मिचेल स्टार्क आज दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज माने जाते हैं. बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करने वाले गेंदबाज भारतीयों को परंपरागत रूप से बहुत परेशान करते रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के ब्रूस रीड, वेस्टइंडीज के बर्नार्ड जूलियन और पाकिस्तान के वसीम अकरम जैसे खिलाड़ी, इसके उदाहरण कहे जा सकते हैं. स्टार्क भी आक्रामक, तेजतर्रार व विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में विख्यात हैं. उनका साथ देने के लिए पैट कमिंस हैं. जोश हेजलवुड गति के साथ मूवमेंट का अच्छा व प्रभावकारी मिश्रण करते हैं. ये सभी विराट कोहली व टीम इंडिया के बल्लेबाज की परीक्षा ले सकते हैं. 

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सवाल यह भी है कि भारत का बल्लेबाजी क्रम क्या रहेगा? ओपनिंग कौन करेगा? क्या केएल राहुल को मुरली विजय के साथ भेजा जाएगा? यह दोनों इंग्लैंड की स्विंग होती परिस्थिति में एकदम सिफर साबित हुए थे. पर मुरली विजय ऑस्ट्रेलिया के उछाल वाले विकेट पर अलग खेल सकते हैं. उनकी तकनीक सही है और इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने का अनुभव काम आ सकता है. इसलिए मुझे लगता है कि मुरली विजय का स्थान तो पक्का है. साथ ही केएल राहुल से ओपनिंग कराई जा सकती है क्योंकि पृथ्वी शॉ घायल होकर बाहर बैठ गए हैं. इंग्लैंड में उनकी निरंतर नाकामी ने भारत पर हमेशा दबाव बनाए रखा. शुरू में ही गेंद की लाइन के एक्रॉस खेलने के आदी होने के कारण वे एलबीडब्ल्यू या बोल्ड होने के उम्मीदवार बन जाते हैं. टीम प्रबंधन उनकी इस खामी को ठीक कराने में जुटा होगा ही होगा. आईपीएल के पाटा विकेटों पर व अपने घर में वेस्टइंडीज जैसी कमजोर टीमों के खिलाफ दिखाई देने वाले राहुल के जीवन की कड़ी परीक्षा का समय आ गया है. 

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तीसरे क्रम पर तकनीकी रूप से सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को आना चाहिए. मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया में विराट कोहली को यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए. उसके बाद फिर चेतेश्वर पुजारा आ सकते हैं. उनकी तकनीक की सर्वत्र प्रशंसा होती रही है. चूंकि स्ट्रोक खेलते हुए वे ज्यादा नीचे झुक जाते हैं, इसलिए उछाल वाले विकेटों पर संदिग्ध हो सकते हैं. भारत के पाटा विकेटों पर तो उन्हें आउट करना टेढ़ी खीर है. उछाल वाले भी विकेटों पर उन्हें मुश्किलें आ सकती हैं. अजिंक्य रहाणे या हनुमा विहारी में से कोई एक पांचवें क्रम पर आ सकता है. हनुमा विहारी घरेलू क्रिकेट की सीढ़ियां चढ़कर आए और इंग्लैंड में जब उन्हें खिलाया गया तो प्रभावित किया. मैं समझता हूं कि कम से कम पहले दो टेस्ट में रहाणे की बजाय बिहारी को मौका मिलना चाहिए. विकेटकीपर व विस्फोटक बल्लेबाज ऋषभ पंत आएंगे. वे परिस्थितियों से घबराते नहीं हैं और खेल को दुश्मन की गली तक ले जाने के लिए मशहूर हैं. 

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सवाल स्पिनर्स का रहेगा. ऑस्ट्रेलिया के उछाल वाले विकेट पर 2 से ज्यादा स्पिनर खिलौना उपयुक्त नहीं रहेगा क्योंकि आपको 3 पेस बॉलर्स लेने ही पड़ेंगे. रविचंद्रन अश्विन तो खेलेंगे. रवींद्र जडेजा को कुलदीप यादव में से किसी एक को लेना होगा. अनुभव क्षमता को देख कर मेरा वोट तो रविंद्र जडेजा को जाएगा. विराट कोहली के मन में क्या है, कोई नहीं जानता. कुलदीप यादव पर उन्हें बड़ा भरोसा है. यह जानना दिलचस्प होगा कि वे किसे मौका देते हैं. तीन तेज गेंदबाजों में मेरे ख्याल से ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी को मौका दिया जा सकता है. भुवनेश्वर एक स्विंग बॉलर है और ऑस्ट्रेलिया में हवा में गेंद को इतना मूवमेंट नहीं मिलता है. उमेश यादव को अभी इंतजार करना पड़ सकता है. 

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विराट कोहली की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके इर्द-गिर्द ही भारतीय बल्लेबाजी रहती है. अगर वे जल्दी आउट हो जाते हैं तो भारतीय मध्यक्रम बिखर जाता है. भारत के पाटा विकेटों पर डॉन ब्रैडमैन की तरह बल्लेबाजी करने वाले हमारे बल्लेबाज मुश्किल विकेट पर धराशायी हो जाते हैं. इंग्लैंड में भी तो यही हुआ था. इंग्लैंड की टीम कमजोर लगती थी, पर हम टेस्ट मैच में बुरी तरह हार गए थे. अब ऑस्ट्रेलिया को कमजोर कहा जा रहा है, पर याद रखना चाहिए अपने घर में कोई कमजोर नहीं होता. अकेले विराट कोहली पर दबाव डालने की बजाय बाकी के बल्लेबाजों को हाथ उठाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए. 

यह सीरीज एकतरफा नहीं रहेगी. भारतीय प्रतिष्ठा इसलिए भी दाव पर है कि वह आज भी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 टीम है और वॉर्नर और स्मिथ की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलिया कागज पर नाजुक दिखाई दे रहा है. 

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