एक रोचक बात यह है कि विराट का टेस्ट, वन डे और T20, तीनों में औसत 50 रन से ज्यादा का है. वहीं, सचिन और पॉन्टिंग का तीनों फॉर्मेट में मिलाकर औसत 50 रन से कम है. विराट फिटनेस के लिहाज से फिलहाल सचिन और पॉन्टिंग से बेहतर हैं.
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नई दिल्ली: विराट कोहली (Virat Kohli) आज क्रिकेट की दुनिया की सबसे विराट शख्यिसत हैं. उन्होंने क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अपने 12 बरस के करियर में ऐसे मुकाम हासिल किए हैं कि किसी को भी रश्क हो सकता है. सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के बाद फिलहाल वे भारत और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं. अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर की ही तरह विराट अब भारत ही नहीं, दुनिया के हर नौजवान क्रिकेटर के आदर्श हैं. उनकी बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर का अक्स दिखता है.
यूं तो विराट का मैदान पर चारों ओर स्ट्रोक खेलने में जवाब नहीं हैं, लेकिन उनके कवर ड्राइव और फ्लिक लाजवाब होते हैं. तकनीकी रूप से विराट की बल्लेबाजी में खामी खोजना मुश्किल है. उनके क्रिकेट करियर को करीब से देखने पर हर कोई उनके कौशल, जीवट और निष्ठा का कायल हो जाएगा. विराट ने क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में भारत के लिए 416 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर कुल 21,901 रन बनाए हैं. विराट ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 70 शतक (टेस्ट में 27 और वन डे में 43 शतक) और 104 अर्धशतक जमाए हैं. विराट अतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक और रन बनाने के मामले में सचिन तेंदुलकर (कुल 664 अंतरराष्ट्रीय मैच, 100 शतक और 34357 रन) और रिकी पॉन्टिंग (कुल 560 अंतरराष्ट्रीय मैच, 71 शतक, कुल 27483 रन) के बाद तीसरे नंबर पर हैं.
क्रिकेट की दुनिया में विराट का जलवा
विराट ने यूं तो क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अपना जलवा दिखाया है लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट को सबसे ऊपर रखते हैं. उनकी नजर में क्रिकेट को सही ढंग से आंकने का पैमाना टेस्ट क्रिकेट ही है. विराट जब 13-14 बरस के रहे होंगे, जब भी वक्त मिलते ही कार्टून करेक्टर 'चीकू' को पढ़ने में जुट जाते. तब दिल्ली क्रिकेट में जूनियर क्रिकेट कोच अजित चौधरी ने प्यार से उन्हें 'चीकू' पुकारना शुरू किया. फिर तो विराट साथियों के लिए 'चीकू' बन गए. 'चीकू' को क्रिकेट की दुनिया में 'विराट' बल्लेबाज और कप्तान के रूप में स्थापित करने के पीछे उनका खुद पर भरोसा और खुद को फिट रखने के लिए निरंतर कड़ी मेहनत है. कौशल के साथ फिटनेस के इस जुनून और मैदान पर निरंतर बेहतर करने की चाह से वह फिलहाल सचिन के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतकों और कुल सबसे ज्यादा रिकॉर्ड को तोड़ने के सबसे मजबूत दावेदार दिखाई देते हैं.
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ये है विराट की सबसे बड़ी ताकत
एक रोचक बात यह है कि विराट का टेस्ट, वन डे और T20, तीनों में औसत 50 रन से ज्यादा का है. वहीं, सचिन और पॉन्टिंग का तीनों फॉर्मेट में मिलाकर औसत 50 रन से कम है. विराट फिटनेस के लिहाज से फिलहाल सचिन और पॉन्टिंग से बेहतर हैं. विराट अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कम से कम पांच बरस तो और खेलेंगे. ऐसे में उम्मीद यही है कि विराट बहुत जल्द सचिन तेंदुलकर से हर फॉर्मेट में आगे निकल जाएंगे. 'हार का खौफ' नहीं होना विराट की सबसे बड़ी ताकत है. हालांकि विराट और सचिन की बल्लेबाजी की तुलना वाजिब नहीं है. विराट को आक्रामक अंदाज में खेलना विरासत में मिला है. मैदान पर उतरकर, खासतौर पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को उनके अंदाज में जवाब देने में बतौर कप्तान और बल्लेबाज विराट कोहली का कोई जवाब नहीं है. विराट की सबसे बड़ी ताकत यह है कि उन्हें हार का खौफ नहीं रहता और वह जीत और सिर्फ जीत के लिए खेलते हैं. विराट खुद क्रिकेट के हर फॉर्मेट में गियर बदलकर खेलना बखूबी जानते हैं. विराट जब मैदान पर उतरते हैं तो ऑस्ट्रेलियाई और इंग्लैंड की टीमें भी उन्हें उकसाने की कोशिश नहीं करतीं. विराट को ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्लेजिंग करने से भी इसलिए कतराते हैं क्योंकि वह उन्हें पलटकर उसी अंदाज में जवाब में देते हैं.
विराट की निगाहें भारत को टी-20 विश्व कप जिताने पर
विराट ने भारत को 2011 में वन डे विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन अगले दो विश्व कप में टीम के सेमीफाइनल में हार जाने का मलाल भी रहा. वह भारत के लिए इतने ही टी-20 विश्व कप खेले लेकिन इसमें 2016 में भारत के वेस्ट इंडीज से सेमीफाइनल में हार का मलाल रहा. अब विराट कोहली की निगाहें अगले साल भारत में होने वाले टी-20 विश्व कप जिताने पर हैं. विराट कोहली की अगली परीक्षा अब इसी महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी धरती पर शुरू हो रही वन डे, टी-20 और टेस्ट होगी. विराट ने भारत को 2008 में अपनी कप्तानी में अंडर-19 विश्व कप जिताया. विराट IPL में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के साथ क्या जुड़े कि यह साथ मौजूदा आईपीएल तक जारी है. सबसे पहले विराट को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) को आईपीएल का खिताब जीतने की हसरत पूरी करनी होगी.
विराट के कवर ड्राइव और फ्लिक का जवाब नहीं
विराट बल्ले को नीचे से पकड़ते हैं और दमदार स्ट्रोक खेलने में उनका कोई जवाब नहीं है. विराट का कवर ड्राइव तो बेहतरीन है ही, कलाई का इस्तेमाल कर उनके खेले फ्लिक का भी कोई जवाब नहीं है. उनके आक्रामक तेवरों में हालांकि कोई कमी नहीं आई, लेकिन विराट को समय ने परिपक्व बना दिया. वह मैदान पर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन करने में ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. विराट के नाम क्रिकेट में बेशुमार रिकॉर्ड हैं और आगे और रिकॉर्ड होंगे.
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आज भी लेते हैं गुरु राज कुमार की सलाह
विराट कोहली की क्रिकेट प्रतिभा को उनके उस्ताद और मेंटर राजकुमार शर्मा ने सबसे पहले पहचाना. क्रिकेट के लिए विराट के जुनून को पहचानकर उसे सही दिशा दिखाने का काम राजकुमार शर्मा ने किया, और वह अब भी अपने गुरु की सलाह लेना नहीं भूलते. गुरु राजकुमार और शिष्य विराट दुनिया के किसी भी कौने में हो, बराबर संवाद बना रहता है. राजकुमार ने विराट को बतौर क्रिकेटर तराशने के लिए डीडीसीए की राजनीति के बीच दिल्ली टीम में जगह बनाने की व्यवस्था से खासा संघर्ष किया. जब विराट अंडर-19 विश्व कप जीतकर भारत आए तो उसके बाद राजकुमार शर्मा ने उनका बराबर मार्गदर्शन किया. आईपीएल में आरसीबी से जुड़ने के बाद ऐसा दौर जरूर आया जब विराट कुछ भटकने लगे. तब राजकुमार की सख्ती ही उन्हें राह बताने वाली साबित हुई. 19 बरस के नौजवान क्रिकेटर को शोहरत की पहली सीढ़ी पर सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है. यही मार्गदर्शन राजकुमार ने उनका तब किया और आज भी कर रहे हैं.
विराट और रोहित हैं एक दूसरे के मुरीद
भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तान विराट कोहली और सिर्फ रोहित शर्मा ने एक दूसरे के क्रिकेट कौशल का बराबर सम्मान किया है. विराट बराबर रोहित को बेहतरीन बल्लेबाज बताते हैं तो रोहित भी विराट की प्रशंसा का मौका नहीं छोड़ते. विराट और रोहित एक दूसरे के मुरीद हैं. विराट के लिए एक अच्छी बात यह है कि टीम में हर कोई उनका बतौर कप्तान और बल्लेबाज पूरा सम्मान करता है. विराट खुद आगे बढ़कर टीम के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ते हैं. भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए विराट कोहली से बेहतर दूसरा कप्तान कोई और हो नहीं सकता. विराट अपनी टीम और अपने हर खिलाड़ी के साथ जिस तरह खड़े रहते हैं वही भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए जरूरी भी है.
सर्वश्रेष्ठ चेज मास्टर विराट
विराट को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ चेज मास्टर कहा जाता है. लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया को मुकाम तक पहुंचाने में दुनिया में विराट का कोई सानी ही नहीं है, इस मामले में वो सचिन से भी आगे हैं. कोहली ने वन डे में अपने कुल 43 शतकों में से सबसे ज्यादा 19 शतक लक्ष्य का पीछा करते हुए लगाए. एक और दिलचस्प बात यह है कि विराट ने वन डे में 32 सेंचुरी से भारत की जीत जड़ी है. धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद विराट की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट बहुत महफूज हाथों में हैं. विराट बतौर कप्तान तीनों फॉर्मेट में 40 शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय कप्तान हैं. साथ ही बतौर कप्तान भारत के लिए सबसे ज्यादा 18 शतक जड़कर सौरव गांगुली (11 शतक) को पीछे छोड़ चुके हैं. विराट के जन्मदिन पर इसी तरह बुलंदिया चूमने की शुभकामनाएं.
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