Asian Boxing Championship: चोटिल होने के कारण शिव थापा को सिल्वर, लवलीना बोरगोहेन ने जीता गोल्ड
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Asian Boxing Championship: चोटिल होने के कारण शिव थापा को सिल्वर, लवलीना बोरगोहेन ने जीता गोल्ड

Shiva Thapa Boxer: एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप के इतिहास में सबसे सफल पुरुष खिलाड़ी शिव थापा लाइट वेल्टरवेट वर्ग के गोल्ड मेडल मैच में उज्बेकिस्तान के अब्दुल्लाव रुस्लान के खिलाफ दूसरे राउंड में चोटिल हो गए. उन्हें आधे मुकाबले से ही हटना पड़ा. लवलीना और स्वीटी समेत 4 भारतीय महिलाओं ने गोल्ड जीते.

Shiva thapa (Twitter)

Indians in Asian Boxing Championship-2022: भारत के स्टार बॉक्सर शिव थापा अपनी लय बरकरार नहीं रख पाए और एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल मैच के दौरान चोटिल हो गए. जॉर्डन के अम्मान में चल रही चैंपियनशिप में उनका 63.5 किग्रा वर्ग में अभियान का शनिवार को निराशाजनक अंत हुआ. थापा को चोटिल होने के कारण फाइनल में आधे मुकाबले से ही हटना पड़ गया. उन्हें तरह से रजत पदक से संतोष करना पड़ा जो उनका एशियाई चैंपियनशिप में कुल मिलाकर छठा मेडल है. वहीं, महिला वर्ग में लवलीना बोरगोहेन ने चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.

फाइनल में आधे मुकाबले से हटे थापा

टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल पुरुष खिलाड़ी 28 वर्षीय शिव थापा लाइट वेल्टरवेट वर्ग के गोल्ड मेडल मैच में उज्बेकिस्तान के अब्दुल्लाव रुस्लान के खिलाफ दूसरे राउंड में चोटिल हो गए. रेफरी ने मुकाबला रोककर उनके प्रतिद्वंदी को विजेता घोषित कर दिया. तीसरी वरीयता प्राप्त थापा जब चोटिल हुए तब वह पहला राउंड गंवाने के कारण 0-5 से पीछे चल रहे थे. पहले राउंड के शुरू में दोनों मुक्केबाजों ने दबदबा बनाने की कोशिश की लेकिन आखिर में उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज ने वर्चस्व बनाया. दूसरे राउंड में थापा ने वापसी की कोशिश की लेकिन वह जल्द ही नीचे गिर गए. रेफरी गिनती गिनने लगा लेकिन थापा उठ गए. उन्हें हालांकि काफी दर्द हो रहा था जिसके लिए उन्होंने मदद भी ली. आखिर में मुकाबला रोक दिया गया और जब रेफरी ने विजेता की घोषणा की तब वह बमुश्किल खड़े हो पा रहे थे.

थापा का छठा एशियन मेडल

फाइनल के निराशाजनक अंत को छोड़कर शिव थापा ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया था. एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने अब तक एक स्वर्ण (2013), तीन रजत (2017, 2021 और 2022) और दो कांस्य पदक (2015 और 2019) जीते हैं. थापा ने हालांकि सिल्वर मेडल जीत कर कजाकिस्तान के दिग्गज मुक्केबाज वासिली लेविट को पीछे छोड़ दिया. वह एकमात्र अन्य पुरुष मुक्केबाज हैं जिन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में छह मेडल जीते हैं. एशियाई चैंपियनशिप में थापा से ज्यादा मेडल एमसी मेरीकॉम (सात) और एल सरिता देवी (आठ) ने जीते हैं. 

लवलीना और स्वीटी समेत 4 को गोल्ड

भारतीय मुक्केबाजों ने इस प्रतियोगिता में कुल 12 पदक जीते जिसमें चार स्वर्ण, दो रजत और छह कांस्य पदक शामिल हैं. इन 12 पदकों में महिलाओं ने सात पदक जीते जिससे भारत महिला वर्ग में शीर्ष पर रहा. महिला वर्ग में ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा), अल्फिया पठान (81 किग्रा से अधिक), स्वीटी बूरा (81 किग्रा) और परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीते. मीनाक्षी (52 किग्रा) ने रजत जबकि अंकुशिता बोरो (66 किग्रा) और प्रीति दहिया (57 किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किए. पुरुष वर्ग में नरेंदर (92 किग्रा से अधिक), सुमित (75 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और गोविंद कुमार साहनी (48 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते. (Input: PTI)

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