Ashes Series: स्टीवन स्मिथ ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में दोहरा शतक बनाया. यह बैन के बाद वापसी करते हुए उनका तीसरा टेस्ट शतक भी है.
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नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ (Steven Smith) बॉल टैम्परिंग मामले में बैन झेलने के बाद और खतरनाक हो गए हैं. उनके रौद्र रूप का सामना फिलहाल इंग्लैंड कर रहा है. स्मिथ ने इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज (Ashes Series) के चौथे टेस्ट मैच में दोहरा शतक ठोका. उनकी इस शानदार पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने 8 विकेट पर 497 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड (England) ने एक विकेट पर 23 रन बना लिए थे.
30 साल के स्टीव स्मिथ (Steve Smith) पर 2018 में बॉल टैम्परिंग मामले में एक साल का बैन लगा था. उन्होंने बैन हटने के बाद टेस्ट क्रिकेट में पिछले महीने ही वापसी की है. ऑस्ट्रेलिया का यह बल्लेबाज वापसी के बाद अभी तीसरा टेस्ट मैच ही खेल रहा है. उन्होंने इन तीन मैचों में ही तीन शतक ठोक दिए हैं. स्मिथ ने एशेज सीरीज के पहले टेस्ट में 144 और 142 रन की पारियां खेली थीं. उन्होंने दूसरे टेस्ट में 92 रन बनाए. तीसरा टेस्ट चोट के कारण नहीं खेल पाए और चौथे टेस्ट में 211 रन ठोक दिए.
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स्टीव स्मिथ के दोहरे शतक के बाद सचिन तेंदुलकर समेत दुनियाभर के दिग्गजों ने उनकी तारीफ की. सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने ट्वीट किया, ‘कॉम्लीकेटेड टेक्नीक, लेकिन सुलझा हुआ दिमाग स्टीवन स्मिथ को दूसरों से अलग बनाता है. असाधारण वापसी.’
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने स्मिथ के दोहरे शतक के बाद लिखा, ‘‘अब कुछ और नहीं. बस स्मिथ के लिए तारीफ निकलती है. हम एक महान बल्लेबाज को देख रहे हैं.’
COMPLICATED TECHNIQUE but an ORGANIZED MINDSET is what sets @stevesmith49 apart. Incredible comeback!#ENGvsAUS pic.twitter.com/02MNGkYQ7y
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) September 5, 2019
माइकल वॉन ने एक और ट्वीट में लिखा, ‘देखकर खुशी हुई. किसी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के लिए यह कहना अच्छा नहीं लगता, लेकिन इतना अनुशासन, एकाग्रता, स्किल्स और हैंड-आई कोऑर्डिनेशन वाले खिलाड़ी की आप सिर्फ प्रशंसा ही कर सकते हैं.’
ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉज ने लिखा, ‘स्मिथ ने सैंडपेपर को हाथ भी नहीं लगाया था. फिर भी उन्होंने टीम लीडर के नाते दूसरों की बेवकूफियों की जिम्मेदारी भी ली. बदनामी के बाद वापसी करने के लिए साहस और मानसिक मजबूती चाहिए.’