पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का सोमवार दोपहर को निधन हो गया. उनका क्रिकेट से खास लगाव था. उनके निधन से पूरा क्रिकेट जगत स्तब्ध है.
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नई दिल्ली: हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) का एम्स में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश के साथ क्रिकेट जगत में स्तब्धा छा गई है. 67 साल के अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ के चलते 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था एक कुशल राजनेता के अलावा जेटली एक कुशल वकील भी थे. उनके वित्त मंत्री रहते देश को जीएसटी की व्यवस्था मिली थी. जेटली का पिछले साल ही गुर्दे को प्रत्यारोपण हुआ था. जेटली ने एक लंबी राजनैतिक पारी खेली लेकिन वे क्रिकेट से अपने खास लगाव के लिए भी जाने जाते थे.
पिछले दिनों अरुण जेटली को एक्स्ट्राकारपोरल मेंब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) और इंट्रा ऐरोटिक बैलून (IABP) सपोर्ट पर रखा गया था. वे राजनीति में सक्रिय रहते हुए भी क्रिकेट से हमेशा ही जुड़े रहे. उन्होंने 2014 में इस्तीफा देने से पहले BCCI के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. उन्होंने 2014 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (DDCA) से खास तौर पर जुड़े हुए थे.
Extremely saddened by the passing of Shri Arun Jaitley after battling a long illness with fortitude and dignity. A brilliant lawyer, a seasoned parliamentarian, and a distinguished Minister, he contributed immensely to nation building.
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 24, 2019
जेटली डीडीसीए के सबसे लंबे समय रह अध्यक्षों में से एक थे. जेटली डीडीसीए के सबसे लंबे समय रह अध्यक्षों में से एक थे. जेटली करीब 14 साल तक डीडीसीए तक प्रमुख रूप से सक्रिय रहे. उनके कार्यकाल में दिल्ली क्रिकेट को कई सुविधाएं मिल जिसमें एक विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम, शामिल हैं. उन्होंने फिरोजशाह कोटला को नया रूप दिलावाने में अहम भूमिका निभाई थी.जेटली के क्रिकेट में डीडीसीए को लेकर भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगे जिसके चलते उन्हें औपचारिक रूप से डीसीसीए से इस्तीफा भी देना पड़ा. उन पर यह आरोप भी लगा कि उनके रहते डीडीसीए में भ्रष्टाचार खूब फला फूला. लेकिन तमाम आरोपों के बाद उनका डीडीसीए में रुतबा और सम्मान कम नहीं हुआ.