हालांकि डेल स्टेन टेस्ट मैचों में ज्यादा से ज्यादा समय खेलने की इच्छा रखते हें.
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मुंबई: पिछले दो वर्षों से चोटों से जूझ रहे दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी तेज गेंदबाज डेल स्टेन इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप के बाद सीमित ओवर के क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना रहे हैं. हालांकि वह टेस्ट मैचों में ज्यादा से ज्यादा समय खेलने की इच्छा रखते हें. उन्होंने कहा कि वह 2019 विश्वकप के बाद भी टेस्ट क्रिकेट में खेलना जारी रखेंगे.
स्टेन ने कहा, "मैं इंग्लैंड में विश्वकप तक जाने की कोशिश करूंगा लेकिन विश्वकप के बाद मुझे नहीं लगता कि मैं दक्षिण अफ्रीका के लिए सफेद गेंद से क्रिकेट खेलूंगा. जब तक अगला विश्वकप आता है, मैं 40 साल का हो जाऊंगा."
उन्हें उम्मीद है कि उनका अनुभव उन्हें विश्वकप टीम में जगह बनाने में मदद करेगा. स्टेन ने कहा, "अगर आप दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी लाइन अप को देखें तो हमारे शीर्ष छह खिलाड़ी 1000 मैच खेल चुके हैं लेकिन निचले क्रम में आठ से लेकर 11 वें स्थान तक जो खिलाड़ी खेल रहे हैं, लेकिन उन्होंने 150 भी मैच नहीं खेले हैं. आपको इसमें अनुभवी को लाना होगा."
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह चीज विश्वकप के लिये टीम चयन में मेरे लिये ट्रंप कार्ड साबित होगी. मैं भले ही हर समय नहीं खेलूं लेकिन मुझे लगता है कि मेरा अनुभव वहां पहुंचने में मेरी मदद करेगा." टेस्ट मैचों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "जहां तक टेस्ट क्रिकेट की बात है तो मैं जितना हो सके, ज्यादा लंबे समय तक इसमें खेलना चाहूंगा. मैं अंत में चोटों से बाहर निकल चुका हूं."
भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड जीत का दावेदार
दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी तेज गेंदबाज डेल स्टेन मानते हैं कि विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम कुछ भी हासिल करने में सक्षम है लेकिन आगामी पांच टेस्ट की सीरीज में वह मेजबान इंग्लैंड को प्रबल दावेदार मानते हैं. स्टेन ने कहा कि ऐसा इसलिा है क्योंकि इंग्लैंड का तेज गेंदबाजी आकमण थोड़ा बेहतर है. उन्होंने कहा, "विराट की अगुवाई में यह भारतीय टीम कुछ परिणाम हासिल करने की काबिलियत रखती है. मैं विराट को अच्छी तरह जानता हूं. वह काफी दृढ़ निश्चय वाला खिलाड़ी है. पांच टेस्ट मैच किसी भी एक टीम के लिए अच्छे होंगे और अगर एक टीम शानदार खेलेगी तो दूसरी को पराजय मिलेगी ही."