लवलीना विवाद: खेल मंत्रालय के एक्शन का दिखा असर, बॉक्सर की कोच को मिला एक्रेडिटेशन
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लवलीना विवाद: खेल मंत्रालय के एक्शन का दिखा असर, बॉक्सर की कोच को मिला एक्रेडिटेशन

Lovlina Borgohain: स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन की निजी कोच संध्या गुरुंग को मंगलवार को कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए एकक्रेडीटेशन (मान्यता) मिल गया. ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता लवलीना ने दावा किया था कि उनके कोच के ‘लगातार उत्पीड़न’ के कारण राष्ट्रमंडल खेलों के लिए उनकी तैयारियां प्रभावित हो रही हैं.

लवलीना विवाद: खेल मंत्रालय के एक्शन का दिखा असर, बॉक्सर की कोच को मिला एक्रेडिटेशन

Lovlina Borgohain: स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन की निजी कोच संध्या गुरुंग को मंगलवार को कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए एकक्रेडीटेशन (मान्यता) मिल गया. ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता लवलीना ने दावा किया था कि उनके कोच के ‘लगातार उत्पीड़न’ के कारण राष्ट्रमंडल खेलों के लिए उनकी तैयारियां प्रभावित हो रही हैं.

खेल मंत्रालय के एक्शन का दिखा असर

संध्या भारतीय टीम की सहायक कोच भी हैं. उन्हें प्रतियोगिता से कुछ ही दिन पहले भारतीय दल में शामिल किया गया. रविवार को यहां पहुंचने पर उन्हें खेल गांव में प्रवेश की स्वीकृति नहीं मिली, क्योंकि उनके पास एकक्रेडीटेशन नहीं था, जिससे विवाद पैदा हो गया.

बॉक्सर की कोच को मिला एकक्रेडीटेशन

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अधिकारी ने बताया, ‘संध्या को आज सुबह मुक्केबाजी खेल गांव लाया गया और एक्रीडिटेशन दिया गया. वह अब टीम के साथ हैं.’ संध्या को खेल गांव में कमरा भी दिया गया है. लवलीना ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट डालकर कहा था कि उन्हें लग रहा है कि उनका मानसिक उत्पीड़न हो रहा है, क्योंकि उन्हें अपनी कोच को टीम में शामिल कराने के लिए जूझना पड़ रहा है.

लवलीना ने लगाए थे गंभीर आरोप 

लवलीना ने लिखा था, ‘आज मैं बहुत दुख के साथ कह रही हूं कि मुझे (मानसिक तौर पर) लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. ओलंपिक में पदक लाने में मेरी मदद करने वाले कोच को हमेशा बाहर कर दिया जाता है, जिससे मेरे प्रशिक्षण कार्यक्रम पर असर पड़ता है.’ पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना ने इन खेलों से पहले खराब मानसिक स्थिति से उबरने का श्रेय संध्या को दिया था. राष्ट्रमंडल खेलों से पहले आयरलैंड में 15 दिवसीय ट्रेनिंग शिविर के दौरान भी संध्या लवलीना के साथ थी.

खिलाड़ियों की संख्या का एक तिहाई

बीएफआई ने बयान में कहा कि नियमों के मुताबिक दल में सहयोगी स्टाफ की संख्या खिलाड़ियों की संख्या का एक तिहाई (33 प्रतिशत) होती है. भारतीय मुक्केबाजी दल में 12 खिलाड़ी (आठ पुरुष और चार महिला) हैं. इसके मुताबिक टीम के साथ चार सहयोगी सदस्य रह सकते हैं.

मुक्केबाजी की आवश्यकता थोड़ी अलग

बीएफआई ने कहा, ‘कोच और सहयोगी स्टाफ के संबंध में मुक्केबाजी की आवश्यकता थोड़ी अलग है, क्योंकि एक के बाद एक कई मुकाबले हो सकते हैं.’ बयान के मुताबिक, ‘आईओए की मदद से 12 मुक्केबाजों के दल के लिए सहयोगी स्टाफ की संख्या चार से बढ़कर आठ कर दी गई.’

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