Murali Sreeshakar: मुरली श्रीशंकर ने भारत के लिए लॉग जंप में सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया है. भारत के इस लंबी कूद के इवेंट में मेडल जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं.
Trending Photos
Murali Sreeshakar: भारत के मुरली श्रीशंकर ने गुरुवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता की पुरुष लंबी कूद स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया, लेकिन वह गोल्ड मेडल से जीत चूक गए. मुरली श्रीशंकर ने कमाल का खेल दिखाया और भारत की झोली में पदक डाल दिया.
इस इवेंट में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय
मुरली श्रीशंकर कॉमनवेल्थ खेलों की पुरुष लंबी कूद स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार श्रीशंकर ने अपने पांचवें प्रयास में 8.08 मीटर की दूरी के साथ रजत पदक अपने नाम किया. गोल्ड मेडल जीतने वाले बहामास के लेकुआन नेर्न ने भी अपनी दूसरी कोशिश में 8.08 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. लेकुआन का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास हालांकि 7.98 मीटर का रहा जो श्रीशंकर के 7.84 मीटर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ प्रयास से बेहतर रहा जिसके कारण उन्हें विजेता घोषित किया गया.
गोल्ड मेडल जीतने में हवा भी बनी बाधा
मुरली श्रीशंकर के प्रयास के समय हवा की गति प्लस 1.5 मीटर प्रति सेकेंड जबकि नेर्न के प्रयास के समय माइनस 0.1 मीटर प्रति सेकेंड थी. साथ ही लेकुआन ने अपने दूसरे प्रयास में यह दूरी हासिल की और उन्हें हवा से कम सहायता मिली. दक्षिण अफ्रीका के योवान वान वुरेन ने 8.06 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया.
इस वजह से चूके गोल्ड
मुरली श्रीशंकर और याहिया दोनों क्रमश: 8.36 मीटर और 8.15 मीटर के अपने निजी और सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी पीछे रहे. अगर ये दोनों अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करते तो भारत को स्वर्ण और रजत पदक मिल सकते थे. श्रीशंकर क्वालीफाइंग दौर में एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने 8.05 मीटर के साथ आठ मीटर का स्वत: क्वालीफाइंग स्तर हासिल किया था.
श्रीशंकर और याहिया छह प्रयास के फाइनल में तीन प्रयास के बाद क्रमश: छठे और आठवें स्थान पर चल रहे थे. बारह खिलाड़ियों के फाइनल में तीन प्रयास के बाद शीर्ष आठ खिलाड़ियों को ही अगले तीन प्रयास करने की स्वीकृति होती है.
(इनपुट: भाषा)
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर