पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भले ही अपनी पुरुष क्रिकेट टीम को नंबर-1 बनाने में फेल हो रहा हो, लेकिन उसने अपनी महिला क्रिकेटरों को सबसे अव्वल बनाने की ठान ली है. इसकी शुरुआत उसने अपनी महिला क्रिकेटरों की फिटनेस को बेहतरीन बनाने की कोशिश से की है.
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नई दिल्ली. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भले ही अपनी पुरुष क्रिकेट टीम को नंबर-1 बनाने में फेल हो रहा हो, लेकिन उसने अपनी महिला क्रिकेटरों को सबसे अव्वल बनाने की ठान ली है. इसकी शुरुआत उसने अपनी महिला क्रिकेटरों की फिटनेस को बेहतरीन बनाने की कोशिश से की है. दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लाकडाउन के बीच पीसीबी ने अपनी टाप-38 महिला क्रिकेटरों को एक आनलाइन फिटनेस टेस्ट देने का आदेश दिया है. यह टेस्ट सोमवार को चालू हो गया और 20 मई तक लगातार चलेगा.
एक से बढ़कर एक कठिन टास्क हैं फिटनेस टेस्ट में
आनलाइन वीडियो फिटनेस टेस्ट में पाकिस्तानी महिला क्रिकेटरों के सामने एक से बढ़कर एक कठिन टास्क रखे गए हैं. उन्हें प्रोन होल्ड, बुल्गारियन स्कवैट, वर्टिकल जंप्स और पुश अप्स करने के साथ ही बाडी मास इंडेक्स कैल्कुलेशन से भी गुजरना होगा. ये सारे टेस्ट टीम के अंतरिम फिटनेस ट्रेनर बनाए गए इमरान खलील के सुपरविजन में पूरे होंगे. हालांकि बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इसके बदले में किसी भी क्रिकेटर के सेंट्रल कांट्रेक्ट में कोई कटौती नहीं की जाएगी.
फिटनेस की अहमियत समझाना चाहता है बोर्ड
पीसीबी की राष्ट्रीय महिला चयनसमिति की अध्यक्ष उरूज मुमताज का कहना है कि इस कवायद का मकसद खिलाड़ियों को घर के अंदर रहते हुए भी फिटनेस का महत्व समझाना है. उन्होंने कहा, ये देखते हुए कि यह एक कठिन और अनिश्चित समय है. खिलाड़ियों को जो भी जगह उन्हें उपलब्ध है, उसी में ट्रेनिंग सीमित करनी होगी. टेस्टिंग बैटरी को यह सुनिश्चित करने के लिए संशोधित किया गया है कि उन्हें इंडोर में रहते हुए भी बिना किसी उपकरण के पूरा किया जा सके. मुमताज ने कहा कि इस समय किसी भी खिलाड़ी के वांछित बेंचमार्क हासिल नहीं कर पाने के लिए फाइनेंशियल पेनल्टी नहीं लगेगी, लेकिन प्रोफेशनल क्रिकेटर होने के नाते सभी खिलाड़ियों से अपील है कि वे अपने फिटनेस लेवल को मेनटेन करें ताकि क्रिकेट के दोबारा चालू होते ही वे पूरी तरह खेलने के लिए तैयार हों.
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