Ranji Trophy 2024: मौजूद रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की टीम ने कमाल करते हुए सीजन की पहली जीत दर्ज की. उत्तर प्रदेश ने अजिंक्य रहाणे की अगुवाई वाली मुंबई को 2 विकेट से हरा दिया. इस जीत के हीरो रहे करण शर्मा, जिन्होंने चोटिल होकर रिटायर्ड हर्ट होने के बावजूद भी साहस दिखाया और बल्लेबाजी करते हुए टीम को जीत तक पहुंचाया.
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Karan Sharma, UP vs Mumbai Ranji trophy 2024: रणजी ट्रॉफी के मौजूद सीजन में उत्तर प्रदेश ने टूर्नामेंट की पहली जीत दर्ज करते हुए मुंबई को 2 विकेट से मात दी. इस मैच में उत्तर प्रदेश के बल्लेबाज करण शर्मा ने चोट और दर्द से झूझते हुए साहसिक पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई. मुंबई ने जीत के लिए 195 रन का टारगेट दिया था, जिसे आर्यन जुयाल (76 रन) और करण शर्मा (नाबाद 67) की शानदार पारियों से उत्तर प्रदेश ने 2 विकेट रहते हासिल कर लिया. मैच के बाद करण शर्मा ने चोट लगने से लेकर वापस मैदान पर बल्लेबाजी करने तक की पूरी कहानी बताई.
चोट लगी और मैदान से लौटे वापस
दाएं हाथ के यूपी के बल्लेबाज करण की नाबाद 67 रन की पारी दो हिस्सों में रही. करण की आर्यन जुयाल के साथ तीसरे विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी की बदौलत यूपी जीत की तरफ बढ़ रही थी. तभी यूपी को दोहरा झटका लगा. पहले जुयाल 76 रन पर आउट हो गए. इसके बाद करण शर्मा की बाईं कलाई में दर्द बहुत ज्यादा बढ़ गया और उन्हें 47 रन के निजी स्कोर पर रिटायर हर्ट होना पड़ा. इसके बाद टीम के लगातार विकेट गिरना शुरू हो गए. टीम को मुश्किल में देख करण बल्लेबाजी के लिए फिर से तैयार हो गए. वह ठीक से बल्ला भी नहीं पकड़ पा रहे थे. वह इंजेक्शन लेकर मैदान पर बल्लेबाजी करने आए. शुरुआत में वह सिर्फ एक छोर पर खड़े रहकर दूसरे बल्लेबाज का साथ दे रहे थे, लेकिन इस टीम को आठवां झटका लगा. इसके बाद करण ने और मैच जिताने की ठानते हुए तनुष कोटियान के एक ओवर में दो छक्के जड़कर यूपी को सीजन की पहली जीत दिलाई.
मैच के बाद दिया बयान
करण शर्मा ने मैच के बाद बताया, 'नीतीश भाई (कप्तान) ने कहा मुझे बल्लेबाजी करनी है. जब एक और विकेट गिरा तो उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं बल्लेबाजी कर सकता हूं और मैंने उन्हें बताया कि बहुत दर्द हो रहा है. फिर मुझे दर्द कम करने के इंजेक्शन दिए गए और मैंने कहा कि मैं जाऊंगा. पेनकिलर की वजह से वह क्रीज पर बल्लेबाजी के लिए आए.' करण ने आगे बताया, 'मैं मुश्किल से खेल सका. मैं केवल डिफेंड कर पा रहा था, क्योंकि जब ऊपर वाला हाथ ही नहीं चल रहा है, तो निचला हाथ से कैसे खेल पाएगा? मैं बल्ले को ठीक से पकड़ नहीं सका. इसलिए मैंने सोचा कि मैं डिफेंड करता रहूंगा. मैंने सोचा कि मैं एंकर की भूमिका निभाऊंगा और अपने डिफेंस पर भरोसा करूंगा.
बल्ला जोर से पकड़ा और...
उनकी बल्लेबजी के दौरान साथी खिलाड़ी अक्षदीप आउट हो गए. करण ने बताया, 'स्थिति ऐसी थी कि मुझे कुछ जोखिम लेना पड़ा. मैंने बल्ला बहुत कसकर पकड़ा और ऑफ स्पिनर के खिलाफ जोर से घुमाया. और इसका फायदा भी हुआ. मैंने दो छक्के जड़े और हम जीत के करीब थे. विनिंग शॉट थर्ड मैन की दिशा में आया, जो बल्ले का किनारा लेते हुए गया. ड्रेसिंग रूम में सब खुश थे. यह मेरी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी. यह इसलिए भी खास है, क्योंकि यह लंबे समय और कठिन दौर के बाद आई है.'