एवरेस्ट फतह की होड़ में पर्यावरण पर बुरा असर, रोजाना औसतन पहुंच रहे 23 लोग
Advertisement

एवरेस्ट फतह की होड़ में पर्यावरण पर बुरा असर, रोजाना औसतन पहुंच रहे 23 लोग

अधिक तादाद में पर्वतारोहियों के एवरेस्ट पर पहुंचने से हिमालय की पारिस्थितिकी पर बुरा असर पड़ रहा है.

बसंत सत्र 2011 में माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण दल आर्थिक योगदान 64 करोड़ नेपाली रुपये था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: विश्व और हिमालय पर्वत की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट तक पहुंचना बहुत ही बहादुरी का काम माना जाता है. लेकिन काफी संख्या में पर्वतारोहियों के इस अभियान पर जाने से वहां की पारिस्थितिकी प्रभावित हो रही है. अन्य वर्षों की तरह इस साल भी हर दिन औसतन 23 से अधिक लोगों ने और एक महीने में लगभग 700 पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट फतह किया. 

पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी अधिक तादाद में पर्वतारोहियों के एवरेस्ट पर पहुंचने से हिमालय की पारिस्थितिकी पर बुरा असर पड़ रहा है और पर्वतारोही वहां कचरा छोड़कर जा रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र का पर्यावरण दूषित हो रहा है. उन्होंने एवरेस्ट पर जाने वाले पर्वतारोहियों की संख्या सीमित करने के साथ इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था एवं इसकी पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बनाने की भी हिमायत की. 

कचरे के ढर में तब्दील हो रहा है माउंट एवरेस्ट

हालांकि, पर्वतों पर उपयोग किये गए ऑक्सीजन सिलेंडर , टूटे उपकरण , बचा हुआ भोजन और मानव अपशिष्ट पदार्थ सहित टनों कचरा बिखरने के बाद नेपाल सरकार ने दो साल पहले कुछ नियम तय किये थे. वर्ष 1953 में एडमंड हिलेरी और तेंजिंग नार्गे पहली बार 8,848 मीटर ऊंची पर्वत चोटी पर पहुंचे थे जिसके बाद अब तक हजारों लोग वहां पहुंच चुके हैं. 

मां ने मजाक में कहा था और शिवांगी ने फतह कर डाली दुनिया की सबसे ऊंची चोटी

प्रमुख पर्वतारोही और वक्ता एलन अर्नेट के अनुसार , पिछले साल मई में एवरेस्ट तक 640 से अधिक लोग पहुंचे थे जबकि इस साल यह संख्या 700 से अधिक रही. एवरेस्ट के लिए पर्वतारोहण का बसंत सत्र मई होता है, जबकि शीत सत्र दो महीने के लिये सितंबर और अक्तूबर में रहता है. 

लोगों ने समझा मर गई, लेकिन एवरेस्ट जीतने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन गई शिवांगी

पर्वतारोहण नेपाल की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है. वर्ष 2011 के एक अध्ययन में ‘ नेपाल माउंटेनियरिंग एसोसिएशन ’ के पूर्व अध्यक्ष आंग शेरिंग शेरपा ने एक अनुमान करते हुए बताया था कि बसंत सत्र 2011 में माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण दल द्वारा कुल आर्थिक योगदान 64 करोड़ नेपाली रुपये (90 लाख डालर) है. 

(इनपुट-भाषा)

Trending news