सूर्यग्रहण को जन्मी.. बनावट देख लोगों ने किया जीना हराम, दिल दहला देगी इस मेडल विनर की कहानी
Advertisement
trendingNow12415093

सूर्यग्रहण को जन्मी.. बनावट देख लोगों ने किया जीना हराम, दिल दहला देगी इस मेडल विनर की कहानी

Paralympic 2024: मेहनत और लगन, इन 2 चीजों से किसी भी व्यक्ति के जीवन की काया पलट हो जाती है. फिर चाहे कोई मानसिक तौर पर कमजोर हो या फिर शारीरिक तौर पर. इसका सबसे बड़ा उदाहरण साबित हुई दीप्ति जीवंजी, जिन्होंने पैरालिंपिक में मेडल जीतकर खिल्ली उड़ाने वालों के मुंह पर तमाचा जड़ दिया है. 

 

Deepti Jeevanji

Paralympic 2024: मेहनत और लगन, इन 2 चीजों से किसी भी व्यक्ति के जीवन की काया पलट हो जाती है. फिर चाहे कोई मानसिक तौर पर कमजोर हो या फिर शारीरिक तौर पर. इसका सबसे बड़ा उदाहरण साबित हुई दीप्ति जीवंजी. भले ही इस नाम से कुछ लोग अनजान हों, तो हम आपको बता दें ये वो दीप्ति जीवंजी हैं जिन्होंने पैरालिंपिक में मेडल जीतकर खिल्ली उड़ाने वालों के मुंह पर तमाचा जड़ दिया है. इस एथलीट की जीवनी सुनकर हर कोई भावुक हो जाएगा. उनकी मां ने रूंधे गले से दीप्ति के सफर को बयां किया.

दीप्ति ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

दीप्ति ने 3 सितंबर को महिलाओं के 400 मीटर T20 वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पेरिस में देश का परचम लहरा दिया. जिसके बाद वे इस प्रतिस्पर्धा में पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली बौद्धिक रूप से कमजोर भारतीय एथलीट बन गईं हैं. बेटी की इस उपलब्धि ने मानों मां की सालों से थकी आंखों को सुकून दे दिया हो. दीप्ति का यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. जब उन्हें उनके पड़ोसियों, रिश्तेदारों और गांव वालों के सपोर्ट की जरूरत थी तब उन्हें सिर्फ शरीर की बनावट के चलते आलोचनाओं के गहरे घाव मिले. 

ये भी पढ़ें.. वायरल शूटर अपने पोज से तंग! इसके लिए उठाया बड़ा कदम, कई लोगों ने कर लिया कॉपी

सूर्यग्रहण को हुआ था जन्म

दीप्ति की मां बताती हैं कि उनका जन्म सूर्यग्रहण के दिन हुआ था, जिसका प्रभाव दीप्ति पर पड़ा और वे बौद्धिक रूप से कमजोर थीं. गांव के लोग उन्हें 'पिछी कोठी' इसे आसान भाषा में समझें तो 'मेंटल मंकी' कहकर बुलाने लगे. इसका गहरा प्रभाव दीप्ति पर देखने को मिलता था और वे अकेले में रोया करती थीं. इतना ही नहीं, उनकी मां को कई लोगों ने उन्हें पागल बताकर अनाथालय भेजने की तक सलाह दे डाली. लेकिन बोलने वालों को क्या पता था कि एक दौर आएगा जब दीप्ति उन्हीं लोगों को मुंह छिपाने के लिए मजबूर कर देंगी. 

कैसी थी शरीर की बनावट?

दीप्ति जीवंजी के शरीर की बनावट बाकी लोगों से काफी अलग थी. बचपन से ही उनका सिर सामान्य बच्चों की तुलना में काफी छोटा था. वहीं, नाक और होंठों का आकार भी काफी अलग था. जिसके चलते उन्हें गांव के लोग'पिछी कोठी' कहकर परेशान करते थे. लेकिन आज वे दीप्ति के कसीदे पढ़ रहे हैं. 

खराब थी घर की स्थिति

दीप्ति का घर वारंगल जिले के कल्लेडा गांव में है. दीप्ति के मां जीवंजी धनलक्ष्मी बताती हैं कि उनके घर की स्थिति काफी खराब थी. उनके ससुर के निधन के बाद हालात खराब होते गए. जिसके चलते दीप्ति के पिता जीवंजी यादगिरी को कुछ खेत भी बेचने पढ़ गए. लेकिन आज दीप्ति ने अपनी बनावट को रोढ़ा न बनाते हुए सभी की थकी आंखों को सुकून दे दिया है. 

तमाम खबरों पर नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Hindi News Today और पाएं Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी. देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और रहें अपडेटेड!

Trending news