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Zhiying Zeng : जुनून हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं! 58 की उम्र में दो बच्चों की मां का ओलंपिक डेब्यू, लेकिन...

Zhiying Zeng Olympic Debut : कहते हैं अगर जिद और जुनून हो तो ऐसा कुछ नहीं, जिसे पाया न जा सके. ऐसा ही कुछ पेरिस ओलंपिक में आईं 58 साल की टेनिस प्लेयर झीइंग जेंग से देखने को मिला. इस उम्र में झीइंग जेंग ने ओलंपिक डेब्यू किया. हालांकि, उनका मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया. झीइंग जेंग के ओलंपिक डेब्यू मैच को देखने उनके दो बेटे और पति भी स्टैंड्स में मौजूद रहे. बता दें कि झीइंग जेंग का जन्म 1966 में हुआ था और उनकी मां टेबल टेनिस की कोच थीं. जैसे ही वह पैडल पकड़ना सीख गईं, वह 11 साल की उम्र में बीजिंग के एक स्पोर्ट्स स्कूल में जूनियर एलीट टीम में शामिल हो गईं और 12 साल की उम्र में प्रोफेशल बन गईं.

ओलंपिक डेब्यू पर दिया बयान

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ओलंपिक डेब्यू पर दिया बयान

ज्यादातर युवा एथलीटों की तरह वह भी खेलों में भाग लेने की इच्छा रखती थी. ओलंपिक डेब्यू पर बात करते हुए झीइंग जेंग ने कहा, 'यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सपना था. जब मैं छोटी लड़की थी और लोग मुझसे पूछते थे कि मेरा सपना क्या है, तो मैं कहती थी 'ओलंपियन बनना.'

 

58 की उम्र में हुआ डेब्यू

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58 की उम्र में हुआ डेब्यू

एक समय पर खेल से 20 साल के अंतराल और चीन से चिली जाने के बाद झीइंग जेंग ने आखिरकार अपना लक्ष्य हासिल कर लिया. जेंग ने 58 साल की उम्र में पेरिस में ओलंपिक में डेब्यू किया, जिससे वह इस साल के खेलों में सबसे उम्रदराज एथलीटों में से एक बन गईं.

 

हार गईं अपना मुकाबला

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हार गईं अपना मुकाबला

हालांकि, 27 जुलाई को पहले दौर में वह लेबनान की मारियाना साहकियन से 4-1 से हार गई थी, फिर भी जेंग के पास गर्व करने के लिए बहुत सारे कारण हैं. रॉयटर्स के अनुसार उनके पति और दो बेटे उन्हें चीयर्स करने के लिए वहां मौजूद थे और चीन में उनके 92 साल के पिता अपनी बेटी के जीवन भर के सपने को साकार होते देख रहे थे.

 

पूरा किया सपना

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पूरा किया सपना

जेंग ने द गार्जियन से कहा, 'मेरी उम्र में आपको खुशी के साथ खेलना चाहिए न कि दुख के साथ.' उन्होंने आगे कहा कि उन्हें चिली के लिए खेलने पर गर्व है, जहां वे तानिया नाम से जानी जाती हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे इस देश से प्यार है. मैं चीन में अपने सपने को पूरा नहीं कर पाई, लेकिन यहां मैंने ऐसा किया है. हार न मानना ​​महत्वपूर्ण है.'

 

बचपन में मां ने दी कोचिंग

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बचपन में मां ने दी कोचिंग

एक रिपोर्ट के अनुसार जेंग को 9 साल की उम्र तक उसकी मां ने कोचिंग दी थी. प्रोफेशनल बनने से पहले उन्होंने नेशनल जूनियर चैम्पियनशिप के साथ-साथ कई क्षेत्रीय टूर्नामेंट जीते. 1983 में जब वह 16 साल की थी तो उन्हें चीनी नेशनल टीम में बुलाया गया. फिर 1986 में एक नियम परिवर्तन ने उसे उसके खेल से दूर कर दिया. जेंग अक्सर अपने विरोधियों को भ्रमित करने के लिए पैडल को घुमाती थी.

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