डेनमार्क की स्केट खिलाड़ी जन्म देने वाले माता-पिता को ढूंढ़ने भारत आएंगी
Advertisement
trendingNow1367005

डेनमार्क की स्केट खिलाड़ी जन्म देने वाले माता-पिता को ढूंढ़ने भारत आएंगी

मुंबई में जन्मी डेनमार्क की स्केटर एनिस दास इस साल शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने के बाद अपने जैविक माता-पिता को ढूंढ़ने भारत आएंगी. शीतकालीन ओलंपिक के लिए नीदरलैंड में हुई 500 मीटर स्पर्धा के क्वालीफायर में वह शीर्ष पर रही थीं.

32 साल की एनिस दास अपने जैविक माता पिता को भारत में खोजने के लिए मुंबई जाने की योजना बनाई है. (फोटो : Facebook)

नई दिल्ली : मुंबई में जन्मी डेनमार्क की स्केटर एनिस दास इस साल शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने के बाद अपने जैविक माता-पिता को ढूंढ़ने भारत आएंगी. शीतकालीन ओलंपिक के लिए नीदरलैंड में हुई 500 मीटर स्पर्धा के क्वालीफायर में वह शीर्ष पर रही थीं. ओलंपिक में डेनमार्क का प्रतिनिधित्व करने वाली एनिस अब 32 साल की हैं और डेनमार्क के दंपति ने जब एनिस और उनकी जुड़वा बहन को गोद लिया था तब दोनों आठ महीने की थी और जब वे पांच साल की हुई तब उन्हें मुंबई से उनके जुड़ाव के बारे में पता चला. 

  1. डेनमार्क की एनिस दास इस साल शीतकालीन ओलंपिक में भाग ले रहीं हैं
  2. डेनमार्क के दंपति ने जब एनिस को गोद लिया था तब वे आठ महीने की थी.
  3. अभी तक नहीं पता लगा पाई हैं एनिस अपने जैविक माता पिता के बारे में

एनिस ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है पांच या छह साल की उम्र में मेरे माता-पिता ने इस बारे में हमें बताया, यह बहुत नैसर्गिक था. हमने डेनमार्क के टेलीविजन कार्यक्रम के जरिये अपनी जैविक मां को खोजने की कोशिश की लेकिन दुर्भाग्य से हमें सफलता नहीं मिली. इस ओलंपिक सत्र के बाद हम भारत और जाहिर सी बात हैं जन्म लेने वाले शहर मुंबई के दौरे की योजना बना रहे हैं.’’ 

दिल्ली के कोच ने विराट से पूछा- 25-30 गेंद में शतक बना सकता है ऋषभ पंत, क्या टेस्ट खिलाओगे?

उनसे पूछा गया कि अगर भारत से इतना लगाव है तो इतने वर्षों में वे कभी भारत क्यों नहीं आईं और अब भारत आने का फैसला कैसे किया? एनिस ने कहा, ‘‘यह सही है कि मैं कभी भारत नहीं आयी लेकिन मैं भारत से मजबूत संबंध महसूस करती हूं. हमारी जड़ें वहां हैं और मुंबई में अभी भी हमारा परिवार है (जो हम ढूढ़ने की कोशिश करेंगे). उन्होंने कहा कि कभी ऐसा नहीं लगा कि डेनमार्क के माता-पिता ने उन्हें गोद लिया है.

एनिस दिखने में बिलकुल भारतीय लगती है और उनका उपनाम ‘दास’ भी बंगाली समुदाय में काफी आम है. ‘दास’ डेनमार्क में काफी सामान्य उपनाम है.

रामचंद्र गुहा के तीखे बोल- टीम इंडिया को नुकसान पहुंचा रहा है विराट कोहली का अहंकार

उन्होंने कहा, ‘‘उनके नाम से ‘दास’ इसलिये जुड़ा है क्योंकि उन्हें गोद लेने वाले पिता का उपनाम दास है. मेरे पिता का नाम कारेल हर्मन दास है और मेरी मां का नाम रिया डोमबर्ग (अब रिया दास डोमबर्ग).’’ 
 (इनपुट भाषा)

Trending news