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अगर आप स्मार्टफोन, लैपटॉप और ऐसे ही डिवाइसेस का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है. एक मैलवेयर ने लोगों की नाक में दम करके रखा है. एक नया कर्मशियल मैलवेयर आया है, जिसका नाम Heliconia है, जिसे Google Chrome, Firefox और Microsoft डिफेंडर सिक्योरिटी प्रोग्राम के अनेक ब्राउजरों को प्रभावित करने के रूप में पहचाना गया है. गूगल के थ्रेड एनालिसिस के ग्रुप ने इस बात की जानकारी दी है. टीम की रिसर्ट टीम का कहना है कि उन्होंने क्रोम यूजर्स द्वारा द्वारा अज्ञात रूप से सबमिट किया गया एक बग रिपोर्ट सब्मीशन को देखा, जिनके कोड नेम 'Heliconia Noise', 'Heliconia Soft' और 'Files' थे.
पता चला नए मैलवेयर के बारे में
गूगल के थ्रेट एनालिसिस ग्रुप का कहना है कि स्पाईवेयर क्रोम और फायरफॉक्स ब्राउजर के फ्लॉज का फायदा उठाने के लिए तैयार किया गया है. स्पाइवेयर को विंडोज डिफेंडर पर भी प्रभाव डालते देखा गया है, जो माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के साथ प्रीइंस्टॉल्ड आता है. एक यूजर ने इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद टीम रिसर्च में जुट गई और इस मैलवेयर के बारे में पता चला.
ऐप्स को रखें अपडेट
थ्रेट एनालिसिस ग्रुप ने दावा किया है कि 2021 और 2022 में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट ने कमजोरियों को ठीक करने का दावा किया था. यह वो कमजोरियां थीं जिन्हें टारगेट किया जा रहा था. अटैक से बचने के लिए थ्रेट एनालिसिस ग्रुप ने यूजर्स से अपने ब्राउजर और सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की सलाह दी है. उन्होंने सुरक्षित रखने के लिए गूगल सेफ ब्राउजिंस सर्विस की शुरुआत की है, जो Heliconia मैलवेयर से बचाएगा.
एक ब्लॉग पोस्ट में कहा गया कि, 'थ्रेट एनालिसिस ग्रुप की तरफ से पता चला है कि कर्मशियल सर्विलांस बिजनेस फलफूल रहा है और इसमें काफी ग्रोथ देखी गई है, जो दुनिया भर के इंटरनेट यूजर्स के लिए जोखिम बनता है.' सीधे शब्दों में समझें तो कमर्शियल स्पाइवेयर जासूसी का काम करता है.
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