अब नहीं होगा आपके साथ Email Scam! Google ने किया ऐसा जबरदस्त जुगाड़; स्कैमर्स की अब खैर नहीं
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अब नहीं होगा आपके साथ Email Scam! Google ने किया ऐसा जबरदस्त जुगाड़; स्कैमर्स की अब खैर नहीं

कंपनी ने 2021 में पहली बार जीमेल में ब्रांड इंडीकेटर्स फॉर मेसेज आईडेंटीफिकेशन (बीआईएमआई) की शुरुआत की थी. इस फीचर के जरिए ईमेल भेजने वाले का ब्रांड लोगो भी उसके ईमेल के साथ दिखता है.

 

अब नहीं होगा आपके साथ Email Scam! Google ने किया ऐसा जबरदस्त जुगाड़; स्कैमर्स की अब खैर नहीं

ट्विटर (Twitter) के बाद अब गूगल (Google) ने भी ईमेल भेजने वालों के नाम के साथ ब्लू चेकमार्क लगाने की घोषणा की है ताकि उनकी पहचान सत्यापित की जा सके और धोखाधड़ी से बचा जा सके. कंपनी ने 2021 में पहली बार जीमेल में ब्रांड इंडीकेटर्स फॉर मेसेज आईडेंटीफिकेशन (बीआईएमआई) की शुरुआत की थी. इस फीचर के जरिए ईमेल भेजने वाले का ब्रांड लोगो भी उसके ईमेल के साथ दिखता है.

दिखेगा नाम के साथ चेकमार्क

कंपनी ने एक बयान में कहा, उस फीचर को और बेहतर बनाया गया है. कंज्यूमर को बीआईएमआई अपनाने वाले सेंडर के ईमेल में नाम के साथ चेकमार्क दिखेगा. इससे कज्यूमर्स को पता चल सकेगा कि कौन सा ईमेल सत्यापित सेंडर द्वारा भेजा गया है. यह फीचर रोलआउट कर दिया गया है और गूगल वर्कस्पेस, जी सूट बेसिक और बिजनेस के सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध है. साथ ही व्यक्तिगत गूगल अकाउंट धारकों को भी यह सुविधा दी जा रही है.

जिन कंपनियों ने बीआईएमआई का फीचर ले रखा हैं उन्हें खुद-ब-खुद चेकमार्क मिल जाएगा. टेक कंपनी ने कहा, ईमेल का मजबूत वेरिफाइड कंज्यूमर्स और ईमेल सिक्युरिटी सिस्टम को स्पैम की पहचान करने और उन्हें रोकने में मदद करता है. साथ ही ईमेल भेजने वालों को अपना ब्रांड ट्रस्ट बढ़ाने का मौका देता है. उसने कहा, यह ईमेल के सोर्स में विश्वास बढ़ाता है और सभी के लिए बेहतर ईमेल पारिस्थितिकी तैयार करता है.

एलोन मस्क की कंपनी ट्विटर द्वारा सभी लिगेसी ब्लू बैज हटाने के बाद गूगल ने ब्लू चेकमार्क जारी किया है. गूगल की प्रवर्तक कंपनी मेटा इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भुगतान आधारित सत्यापन के लिए भी परीक्षण कर रही है. वेब के लिए इसका शुल्क 11.99 डॉलर और मोबाइल के लिए 14.99 डॉलर प्रति माह रखा गया है.

मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने मेटा सत्यापित अकाउंट यूजर्स को सत्यापन का बैज देंगे जिससे दोनों प्लेफॉर्मो पर उनकी विजिबिलिटी बढ़ेगी और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कस्टम सपोर्ट दिया जाएगा. यह फीचर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में फरवरी में शुरू किया गया था और इसे अन्य देशों में जल्द शुरू किया जाएगा.

(इनपुट-आईएएनएस)

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