चिड़ियों से दोस्ती करने के लिए टोपी पहनकर 1 साल तक जंगल में बैठा रहा वैज्ञानिक, जानें फिर क्या हुआ
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चिड़ियों से दोस्ती करने के लिए टोपी पहनकर 1 साल तक जंगल में बैठा रहा वैज्ञानिक, जानें फिर क्या हुआ

Japan Professor: सपने को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक भी इन दिनों कुछ भी करने को तैयार हैं. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक शख्स अपने सिर पर चिड़िया का मुकुट लगा रखा है. 

 

चिड़ियों से दोस्ती करने के लिए टोपी पहनकर 1 साल तक जंगल में बैठा रहा वैज्ञानिक, जानें फिर क्या हुआ

Trending News: लोग किसी जरूरत या इच्छा को पूरा करने के लिए कुछ अजीबोगरीब चीजें करने के लिए जाने जाते हैं. कभी-कभी यह ज्यादा सीखने की इच्छा के कारण प्रेरित होता है, कभी-कभी यह आकर्षण की वजह से भी होता है. लेकिन कारण जो भी हो, यह कभी-कभी अजीब या ज्यादा ही हो जाता है. जैसा कि पिछले दिनों एक जापानी शख्स ने कुत्ते का सूट बनाने के लिए 11 लाख से अधिक का भुगतान किया ताकि वह एक जानवर बनने के अपने जीवन भर के सपने को पूरा कर सके. यहां तक कि उन लोगों के लिए भी, जिनके बारे में माना जाता है कि वे रिसर्च पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अपने सपने को सच करने के लिए कुछ ही करने को तैयार होते हैं.

वैज्ञानिक ने चिड़ियों को जानने की कोशिश की तो...

सपने को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक भी इन दिनों कुछ भी करने को तैयार हैं. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक शख्स अपने सिर पर चिड़िया का मुकुट लगा रखा है. जापानी वैज्ञानिक पक्षियों की चहचहाहट पर शोध करने में रुचि रखा और फिर ऐसा लगता है कि पक्षियों में इंसानों के चेहरों को पहचानने की अलग ही कला होती है, क्योंकि पक्षी जैसे ही इंसानों को अपने करीब देखती हैं तो परेशान होने वाली चहचहाहट शुरू कर देती हैं और उसने दूर चली जाती है. वह अपनी सामान्य चहचहाहट बंद कर देती हैं.

 

 

पक्षियों को धोखा देने की कोशिश में हुए फेल

वैज्ञानिक ने पक्षियों को धोखा देकर यह विश्वास दिलाने का फैसला लिया कि वह भी एक पक्षी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारा मानना है कि हमें पक्षियों को अधिक श्रेय देना चाहिए और उनके बारे में जानना चाहिए. वैज्ञानिक ने जो मास्क पहना था, उसे देखिए और शायद आप समझ जाएंगे. तस्वीर को वैज्ञानिक के साथी प्रोफेसर तोशिताका सुजुकी ने एक्स पर पोस्ट किया था. उनके लिए दुःख की बात यह थी कि उनका समय बर्बाद हो गया क्योंकि वह उनकी भाषा से कुछ भी सीखने में सफल नहीं हो सके. ऐसा लगता है कि उन्होंने जितनी भी जानकारी लेने की कोशिश की, उससे कहीं अधिक वे होशियार हैं.

प्रोफेसर सुज़ुकी के अनुसार, उनके सहकर्मी ने पूरे एक साल तक वैसा ही भेष धारण किया, लेकिन उनका प्रयोग विफल रहा. जब भी चिड़ियों ने उन्हें अपनी ओर आते देखा, तो उन्होंने परेशान होने वाली चहचहाहट से चेतावनी देना शुरू कर दिया. परिणाम बिल्कुल वैसा ही था जब उस वैज्ञानिक ने अंततः टोपी निकाली और घोंसले के करीब जाने की कोशिश की.

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