Union Budget 2023: बजट में नौकरीपेशा के लिए क्या खास होगा, इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं वे पांच उम्मीदें, जो बजट से नौकरी वर्ग के लोग कर रहे हैं.
Trending Photos
Budget Expectations 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की तरफ से अब से कुछ देर बाद देश का आम बजट पेश किया जाएगा. लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट से आम से लेकर खास तक हर आदमी को बहुत उम्मीदें हैं. देश में सैलरीड क्लास का एक बड़ा वर्ग है, ऐसे में सरकार की कोशिश उन्हें खुश करने की रहेगी. बजट में नौकरीपेशा के लिए क्या खास होगा, इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं वे पांच उम्मीदें, जो बजट से नौकरी वर्ग के लोग कर रहे हैं.
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
नौकरीपेशा की तरफ से लंबे समय से इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग की जा रही है. आखरी बार 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर छूट की सीमा को दो लाख से ढाई लाख किया था. उसके बाद इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 में न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प दिया था. लेकिन इसको लोगों की तरफ से खास रिस्पांस नहीं मिला. इस बार के बजट में आयकर छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख किए जाने की उम्मीद है. यदि ऐसा होता है तो उससे करोड़ों नौकरीपेशा को बड़ी राहत मिलेगी.
80C की लिमिट बढ़ना
आयकर की धारा 80C में निवेश की सीमा में वित्त मंत्री की तरफ से बदलाव किया जाता है तो इससे भी नौकरीपेशा को बड़ी राहत मिलेगी. फिलहाल 80C के तहत आप डेढ़ लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं. एक्सपोर्ट ने वित्त मंत्री से 80C में मिलने वाली छूट की सीमा को डेढ़ लाख से बढ़ाकर दो लाख करने की मांग की है. इसके अलावा होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर 80C के तहत मिलने वाली छूट को अलग से दिए जाने की मांग की जा रही है.
स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ने की उम्मीद
स्टैंडर्ड डिडक्शन नौकरी पेशा की मांग में लंबे समय से शामिल रहा है. एक्सपर्ट की मानें तो इस बार सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़ाकर 75000 करने की तैयारी कर रही है. हालांकि इस बदलाव से कोई खास राहत नहीं मिलेगी. लेकिन मिडिल क्लास इनकम वाले लोगों के लिए यह काफी होगा.
PPF की लिमिट बढ़ने की उम्मीद
मिडिल क्लास के लिए पीपीएफ में निवेश करना सबसे आकर्षक होता है. सैलरीड क्लास के पास निवेश के के लिए पीएफ का भी विकल्प है. लेकिन छोटे कारोबारी पीपीएफ के जरिये ही भविष्य की जरूरतों को पूरा कर पाते हैं. ऐसे में सरकार का फोकस निवेश को बढ़ावा देने का है. उम्मीद की जा रही है कि इस बार पीपीएफ की लिमिट को डेढ़ लाख रुपये सालाना से बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक किया जा सकता है.
फिटमेंट फैक्टर बढ़ने की उम्मीद
केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों की मांग है कि इसे 2.57 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.68 फीसदी किया जाए. इसे बढ़ाने का सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा. बजट से पहले से कई मीडिया रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई कि इस बार सरकार फिटमेंट फैक्टर को लेकर फैसला कर सकती है.
भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं