Budget 2023: एक ने 10 बार तो दूसरे ने एक भी बार पेश नहीं क‍िया बजट, जानें कौन थे ये व‍ित्‍त मंत्री
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Budget 2023: एक ने 10 बार तो दूसरे ने एक भी बार पेश नहीं क‍िया बजट, जानें कौन थे ये व‍ित्‍त मंत्री

Union Budget: इस बार के बजट से हर वर्ग को काफी उम्‍मीदें हैं. उम्‍मीद का कारण यह है क‍ि प‍िछले नौ साल से टैक्‍स स्‍लैब में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं क‍िया गया. दूसरा कारण यह है क‍ि लोकसभा चुनाव से पहले यह आख‍िरी पूर्ण बजट होगा.

Budget 2023: एक ने 10 बार तो दूसरे ने एक भी बार पेश नहीं क‍िया बजट, जानें कौन थे ये व‍ित्‍त मंत्री

Union Budget 2023: व‍ित्‍ती मंत्री न‍िर्मला सीतारमण की तरफ से बजट पेश क‍िये जाने में 10 द‍िन का समय बचा है. इस बार के बजट से हर वर्ग को काफी उम्‍मीदें हैं. उम्‍मीद का कारण यह है क‍ि प‍िछले नौ साल से टैक्‍स स्‍लैब में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं क‍िया गया. दूसरा कारण यह है क‍ि लोकसभा चुनाव से पहले यह आख‍िरी पूर्ण बजट होगा. ऐसे में सरकार देश की जनता को लुभाने के ल‍िए तमाम बड़े ऐलान कर सकती है. इस साल के बजट में महंगाई से राहत देने के ल‍िए भी कुछ घोषणाएं की जा सकती हैं. आइए हम आपको बजट से जुड़ी कुछ और रोचक जानकार‍ियां देते हैं.

सबसे ज्‍यादा बजट पेश करने का र‍िकॉर्ड

क्‍या आपने कभी सोचा है क‍ि क‍िसी व‍ित्‍त मंत्री ने दस बार संसद में बजट पेश क‍िया है. वहीं, एक व‍ित्‍त मंत्री ऐसी भी हुए जो एक भी बजट पेश नहीं कर सके. पहली बार तो यह जानकार शायद आप सोच में पड़ जाएं. लेक‍िन यही हकीकत है. जी हां, 1947 से अब तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है. उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए 10 बार बजट पेश किया था.

एक भी बजट पेश नहीं करने वाले व‍ित्‍त मंत्री
मोरारजी देसाई 13 मार्च 1958 से 29 अगस्त 1963 तक देश के वित्तमंत्री रहे. इसके बाद 1967 से 1969 तक वह दूसरी बार देश के वित्त मंत्री रहे. अपने दोनों कार्यकाल के दौरान उन्होंने 10 बजट पेश क‍िया. इतना ही नहीं उन्‍होंने दो बार अंतरिम बजट भी पेश किया. उनका जन्‍मद‍िन 29 फरवरी को है. 1964 और 1968 में उन्होंने जन्मदिन के दिन ही बजट पेश किया.

अब यद‍ि बात करें ऐसे व‍ित्‍त मंत्री के बारे में जो एक भ्‍ज्ञी बार बजट पेश नहीं कर पाएं तो केसी नियोगी का नाम आता है. वह 1948 में 35 दिन तक वित्त मंत्री रहे. वह इकलौते ऐसे वित्त मंत्री रहे, जो एक भी बजट पेश नहीं कर पाए. आपको बता दें भारत में पहली ब्रिटिश काल में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था.

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