Mp Assembly Election 2023: ऐसी चुनावी तस्वीर अब देखने को नहीं मिलती! जिसे हराने उतरे, उसे ही कहा- विजयी भव:
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Mp Assembly Election 2023: ऐसी चुनावी तस्वीर अब देखने को नहीं मिलती! जिसे हराने उतरे, उसे ही कहा- विजयी भव:

MP Election 2023 Morena Seat: मध्य प्रदेश के असेंबली चुनान में दिलचस्प नजारे देखने को मिल रहे हैं. एक कैंडिडेट ने जब प्रचार के दौरान अपने प्रतिद्वंदी को देखा तो उनके पैर छू लिए. वहीं प्रतिद्वंदी ने भी जीत का आशीर्वाद देने में कंजूसी नहीं की. 

Mp Assembly Election 2023: ऐसी चुनावी तस्वीर अब देखने को नहीं मिलती! जिसे हराने उतरे, उसे ही कहा- विजयी भव:

Morena Assembly Seat in MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश समेत देश के 5 राज्यों में विधान सभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इन चुनावों में लोकतंत्र के अजब-गजब रंग देखने को मिल रहे हैं. मध्य प्रदेश में एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली है, जिसमें प्रचार कर रहे उम्मीदवार ने जब प्रतिद्वंदी को देखा तो आदरभाव दिखाते हुए उनके चरण स्पर्श करने में गुरेज नहीं किया. प्रतिद्वंदी ने भी बड़ा दिल करते हुए उम्मीदवार को विजयी भव: का आशीर्वाद दे दिया. एमपी का यह दिलचस्प वाक्या अब प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है. 

प्रतिद्वंदी ने जीत का दिया आशीर्वाद

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश की मुरैना सीट (Morena Assembly Seat) पर कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश गुर्जर (Dinesh Gurjar) चुनाव प्रचार कर रहे थे. वे दोहरावली गांव में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे हुए थे. तभी उनका सामना बीजेपी छोड़कर बीएसपी में शामिल हुए दिग्गज रुस्तम सिंह (Rustam Singh) से हो गया. मुरैना सीट पर रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह भी बीएसपी टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वे भी अपने बेटे के चुनाव प्रचार के लिए उस गांव में पहुंचे हुए थे. उनके इस आदरभाव का रुस्तम सिंह ने भी विजयी भव: कहकर आशीर्वाद दिया. 

'हमारा तुमसे कोई बैर नहीं'

रुस्तम सिंह (Rustam Singh) ने दिनेश गुर्जर (Dinesh Gurjar) से कहा, 'तुम्हारे पिता हमारे अच्छे मित्र रहे हैं. हमें तुमसे कोई बैर नहीं है. हमें केवल बीजेपी और बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह कंसाना को सबक सिखाना है. बीजेपी ने हमको कुछ समझा ही नहीं. अब उसे दिखाना है कि क्या हैं हम.' दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की इस आत्मीयता को देखकर उनके समर्थक भी हैरान रह गए. कुछ देर बात करने के बाद दोनों नेता अलग-अलग दिशा में चले गए. 

कौन हैं रुस्तम सिंह?

बता दें कि रुस्तम सिंह (Rustam Singh) रिटायर्ड आईपीएस हैं. पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद वे राजनीति में आए और प्रदेश सरकार में कई महकमों के मंत्री रहे. बीजेपी ने वर्ष 2003 से 2018 तक उन्हें 4 बार मुरैना विधानसभा सीट से टिकट दिया. उन्होंने वर्ष 2003 और वर्ष 2013 से उस सीट पर जीत दर्ज की. जबकि वर्ष 2008 और वर्ष 2018 का चुनाव वे हार गए थे. इस बार वे मुरैना सीट पर अपने बेटे राकेश सिंह के लिए टिकट मांग रहे थे. 

मुरैना सीट पर बेटे को टिकट

हालांकि बीजेपी ने उनकी मांग नहीं मानी और मुरैना सीट (Morena Assembly Seat) पर रघुराज सिंह कंसाना को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. इस बात से रुस्तम सिंह (Rustam Singh) और उनके बेटे राकेश सिंह नाराज थे. बीजेपी को सबक सिखाने के लिए उन्होंने 2 दिन पहले अपने बेटे राकेश सिंह के साथ पार्टी से त्यागपत्र देकर बीएसपी ज्वॉइन कर ली थी. उनकी ज्वॉइनिंग के साथ ही पार्टी ने राकेश सिंह को मुरैना सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. 

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