Abdu Rozik News: अब्दु रोज़िक मूल रूप से तजाकिस्तान के रहने वाले हैं. रोजिक की उम्र तो 19 साल है लेकिन वह दिखने में 4-5 साल के छोटे बच्चे की तरह लगते हैं. पांच साल की उम्र के बाद अब्दु की लंबाई बढ़ना बंद हो गई थी.
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Big Boss-16: बिग-बॉस 16 के कंटेस्टेंट- अब्दु रोज़िक इस सीजन में दर्शकों की पहली पसंद बने हुए हैं. मूल रूप से तजाकिस्तान के रहने वाले रोजिक की उम्र तो 19 साल है लेकिन वह दिखने में 4-5 साल के छोटे बच्चे की तरह लगते हैं. बताया जा रहा है कि पांच साल की उम्र के बाद अब्दु की लंबाई बढ़ना बंद हो गई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रोज़िक ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी के शिकार हैं, उन्हें रिकेट्स की भी समस्या है. जानते हैं ये दोनों समस्याएं क्या हैं:-
क्या है ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी की समस्या
ग्रोथ हार्मोन की कमी (जीएचडी) व्यक्ति में बौनेपन का कारण बन सकती है. यह समस्या जन्मजात हो सकती है या फिर बाद में भी विकसित हो सकती है. हेल्थ स्पेशलिस्ट के मुताबिक पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा बहुत कम मात्रा में ग्रोथ हार्मोन के उत्पादन से इस तरह की दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा आनुवंशिक दोष, मस्तिष्क की गंभीर चोट या जन्म से ही पिट्यूटरी ग्रंथि न होने के कारण भी यह समस्या हो सकती है.
कुछ बच्चों में मस्तिष्क में ट्यूमर के की वजह से भी यह दिक्कत बाद में हो सकती है. आमतौर पर ट्यूमर पिट्यूटरी ग्रंथि या मस्तिष्क के पास के हाइपोथैलेमस क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है जिससे हार्मोन्स का स्राव प्रभावित हो जाता है. इसकी वजह से शरीर की लंबाई कम रह जाना, सबसे सामान्य है, ये विकार लड़कियों में स्तन के विकास या अन्य कई तरह की समस्याओं को ला सकता है.
कैसे पता लगाए ग्रोथ हार्मोन में कमी का?
अगर बच्चा, उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ पा रहा है या फिर उसका बौद्धिक विकास कम है तो यह ग्रोथ हार्मोन में कमी के कारण हो सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक ब्लड टेस्ट से इस समस्या का पता लगाया जा सकता है हालांकि यह बहुत सटीक टेस्ट नहीं माना जाता. इसलिए डॉक्टर कुछ विशेष टेस्ट कराने की सलाह देते हैं. स्थिति स्पष्ट हो जाने पर हार्मोनल थेरेपी के माध्यम से इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन इस थेरेपी के कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं.
रिकेट्स की समस्या
अब्दु को दूसरी समस्या रिकेट्स की है. यह आमतौर पर विटामिन डी की कमी के कारण होती है. इसके भी आनुवांशिक जोखिम हो सकते हैं. विटामिन डी की कमी की वजह से हड्डियों में उचित कैल्शियम और फास्फोरस के स्तर को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है क्योंकि विटामिन-डी, शरीर को भोजन से कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है
रिकेट्स की वजह से बच्चों की हड्डियां नरम और कमजोर हो जाती हैं. इस समस्या के कारण हड्डियों के आसानी से टूटने का भी खतरा रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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