टेक्सास : बंद कमरे में मिला भारतीय मूल के इंजीनियर का शव
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टेक्सास : बंद कमरे में मिला भारतीय मूल के इंजीनियर का शव

भारतीय वाणिज्य दूतावास के सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक 30 वर्षीय वेंकन्नागरी कृष्ण चैतन्य तीन साल पहले अमेरिका में आ थे और एक निजी संस्थान में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. 

चैतन्य कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजिज में काम करते थे (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ह्यूस्टन : अमेरिका के टेक्सास में एक भारतीय इंजीनियर की मौत हो गई है. भारतीय वाणिज्य दूतावास के सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक 30 वर्षीय वेंकन्नागरी कृष्ण चैतन्य तीन साल पहले अमेरिका में आ थे और एक निजी संस्थान में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में वेंकन्नागरी डलास के आर्लिग्टन पेइंग गेस्ट के तौर रह रहे थे. जब चैतन्य जब काफी समय तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकले तो उनके मकान मालिक ने दरवाजा तोड़ा, जिसके बाद वह हैरान रह गए. मकान मालिक को कमरे के अंदर चैतन्य का शव बरामद हुआ.

  1. टेक्सास में भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत
  2. बंद कमरे से मकान मालिक ने बरामद किया शव
  3. चैतन्य कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजिज में काम करते थे

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हत्या या आत्महत्या संशय बरकरार
अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास की सहायता से स्थानीय अधिकारियों ने चैतन्य की मौत की जानकारी तेलंगाना में रहने वाले उनके परिवार को दी. ह्यूस्टन वाणिज्य दूतावास जनरल अनुपम रे के कार्यालय सू्त्रों का कहना है कि चैतन्य के परिवार वालों को हर तरह की सहायता दी जा रही है ताकि वह उनके शव को लेकर भारत जा सके. फिलहाल स्थानीय पुलिस ने चैतन्य के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. हालांकि यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है कि आखिरकार चैतन्य ने आत्महत्या की या उनकी हत्या की गई. सूत्रों की मानें तो मामले की जांच के लिए पुलिस चैतन्य के कार्यालय और पेइंग गेस्ट के आस-पास के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है. 

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अमेरिका में होता है भारतीयों के साथ भेदभाव
गौरतलब है कि वर्ष 2017 के अंत में क रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों का कहना है कि अमेरिका में उनको रोजमर्रा की जिंदगी में कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ता है. 
नेशनल पब्लिक रेडियो, रॉबर्ट वूड जॉनसन फाउंडेशन और हारवर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की ओर से यह सर्वेक्षण कराया गया है. अंतरराष्ट्रीय सर्वे के मुताबिक अमेरिका में रहने वाले 10 में से एक नागरिक का कहना था कि पुलिस कई बार उनके साथ अनुचित व्यवहार करती है, क्योंकि वह मूल रूप से एशियाई हैं.

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