Taliban Afghanistan News: तालिबान ने नए फरमान में अधिकारियों के लिए 'जिंदा चीजों' के फोटो-वीडियो लेना बैन कर दिया है. यह फरमान कांधार के लिए जारी किया है जहां तालिबान का जन्म हुआ था.
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Afghanistan News In Hindi: अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत ने नया फरमान निकाला है. जिस कांधार से निकलकर तालिबान पूरे मुल्क में फैला, वहां शरिया कानून की आहट मिल रही है. कोई ढाई दशक पुराना कानून फिर लागू कर दिया गया है. कांधार में अधिकारी अब 'जिंदा चीजों' के फोटो या वीडियो नहीं ले पाएंगे. तालिबानी आदेश में कहा गया है कि ऐसा करने से 'फायदे से कहीं ज्यादा नुकसान' होता है. कांधार के लिए जारी यह आदेश उस काले दौर की याद दिलाता है जब अफगानिस्तान में तालिबान का राज था. 1996 से 2001 के बीच, अफगानिस्तान में टेलीविजन तक बैन था. तब भी जिंदा लोगों की तस्वीरें लेने पर पाबंदी थी. कांधार गवर्नर के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी AFP से बातचीत में फरमान की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध आम जनता और 'स्वतंत्र मीडिया' पर लागू नहीं हैं.
सिविल और मिलिट्री अधिकारियों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि "अपनी औपचारिक और अनौपचारिक बैठकों में जीवित चीजों की तस्वीरें लेने से बचें, क्योंकि इससे फायदे की तुलना में अधिक नुकसान होता है." फरमान के मुताबिक, टेक्स्ट और ऑडियो की इजाजत है.
तालिबान के अजब-गजब फरमान
- अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा करते ही, तालिबान ने लड़कियों के लिए सेकेंडरी एजुकेशन बैन कर दी थी.
- नवंबर 2022 में काबुल के पार्कों और जिमों में महिलाओं के जाने पर रोक लगा दी गई थी.
- दिसंबर 2022 में, तालिबान ने महिलाओं का यूनिवर्सिटी जाना भी प्रतिबंधित कर दिया.
- जनवरी 2023 में तालिबान ने बाल्ख प्रांत में पुरुष डॉक्टरों के महिला मरीजों का इलाज करने पर रोक लगाई थी.
- जुलाई 2023 में तालिबान ने महीने भर के भीतर सारे ब्यूटी सलून बंद करने का फरमान जारी किया था.
कांधार : जहां जन्मा तालिबान
तालिबान ने अपनी जड़ें अफगानिस्तान के दक्षिणी हिस्से में स्थित कांधार से ही जमानी शुरू की थीं. राजधानी काबुल के बाद कांधार, अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. सितंबर 1994 में मुल्ला मोहम्मद उमर ने यहीं से तालिबान की शुरुआत की थी. नवंबर 1994 में तालिबान ने कांधार पर कब्जा कर दिया था. अगले साल तक अफगानिस्तान के 12 प्रांतों पर तालिबान का कब्जा हो चुका था. धीरे-धीरे तालिबान ने कांधार को बेस बनाते हुए पूरे अफगानिस्तान पर हुकूमत जमा ली.
1996 में जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया, तब भी मुल्ला उमर ने कांधार को एक तरह से तालिबान की राजधानी बनाए रखा. 1998 आते-आते करीब 90% अफगानिस्तान पर तालिबान का राज हो गया. 9/11 के बाद अमेरिका ने अलकायदा की जड़ें काटने के लिए अफगानिस्तान पर हमला किया. तालिबान सत्ता से बाहर हो गया.
महज दो दशक बाद ही, 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर फिर से नियंत्रण कर लिया. जिस अमेरिका ने उसे 2001 में उखाड़ फेंका था, उसी ने तालिबान को काबुल के तख्त पर बिठाया. काबुल राजधानी रहा लेकिन कांधार लगातार तालिबान का ऐतिहासिक और राजनीतिक गढ़ बना हुआ है.