Border Dispute: China से मुकाबले के लिए हर कदम पर India के साथ था US, इस तरह पहुंचाई थी मदद
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Border Dispute: China से मुकाबले के लिए हर कदम पर India के साथ था US, इस तरह पहुंचाई थी मदद

एडमिरल फिलिप्स डेविडसन ने सीमा विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान हमने भारत को कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं, बर्फीले मौसम से बचाने वाले कपड़े, अन्य उपकरण आदि मुहैया करवाए थे. इसके अलावा, पिछले कई सालों से अमेरिका और भारत अपने समुद्री सहयोग को मजबूत बना रहे हैं.

 

फाइल फोटो

वॉशिंगटन:  चीन से सीमा विवाद (Border Dispute) के समय अमेरिका (America) ने भारत की हर तरह से सहायता की थी. उसने न केवल भारत (India) का समर्थन किया था बल्कि महत्वपूर्ण सूचनाओं के साथ-साथ जरूरी साजोसामान भी उपलब्ध कराया था. जो भारत और अमेरिका के मजबूत होते रिश्तों को दर्शाता है. पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने अमेरिकी सांसदों को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि भारत की मदद करते हुए यूएस ने उसे सूचना, बर्फीली ठंड से बचाने वाली पोशाक और कुछ अन्य उपकरण मुहैया कराए थे.

  1. लद्दाख हिंसा के बाद भारत और चीन में बढ़ गया था तनाव
  2. एडमिरल फिलिप्स डेविडसन ने बताया कैसे की भारत की मदद
  3. अमेरिका ने पहले भी दिया था भारत के समर्थन में बयान
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Admiral Philip ने कही ये बात

अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिलिप्स डेविडसन (Admiral Philip Davidson) ने अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट की शक्तिशाली शस्त्र सेवा समिति को बताया कि चीन से सीमा विवाद के समय US हर कदम पर भारत के साथ खड़ा था. उन्होंने यह भी कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की हालिया गतिविधियों ने भारत को यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि उसकी अपनी रक्षात्मक जरूरतों के लिए अन्य देशों के साथ क्या सहयोगी कोशिशें की जा सकती हैं? 

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LAC की गतिविधियों ने बदली सोच

एडमिरल डेविडसन ने सांसदों से कहा कि भारत की नीति लंबे समय से रणनीतिक स्वायत्ता की रही है और जैसा कि आप जानते हैं कि वह गुटनिरपेक्षता की नीति का पक्षधर रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि LAC पर हुई गतिविधियों ने निश्चित तौर पर उसे अपनी सोच का दायरा बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है. अब वह इस विषय पर विचार कर रहा है कि उसकी अपनी रक्षात्मक जरूरतों के लिए दूसरे माध्यम से क्या सहयोगी कोशिश की जा सकती है. उन्होंने आगे कहा कि भारत इस संदर्भ में क्वाड में अपनी भूमिका मजबूत करेगा.

समुद्री सहयोग बढ़ा रहे हैं Indo-US

एडमिरल ने सीमा विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान हमने भारत को कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं, बर्फीले मौसम से बचाने वाले कपड़े, कुछ अन्य उपकरण आदि मुहैया करवाए थे. इसके अलावा, पिछले कई सालों से अमेरिका और भारत अपने समुद्री सहयोग को मजबूत बना रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले साल लद्दाख हिंसा के बाद भारत और चीन में तनाव काफी बढ़ गया था. हालांकि, अब दोनों पक्ष सैनिकों की वापसी पर सहमत हुए हैं. 

‘India हमेशा तटस्थ रहा है’

वहीं, सीनेटर अंगस किंग ने कहा कि यदि भारत क्वाड देशों के साथ करीबी तौर पर जुड़ता है तो यह एक बड़ा भू-राजनीतिक घटनाक्रम होगा. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से एक तटस्थ देश रहा है. बता दें कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के संगठन क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग यानी क्वाड देशों के प्रमुखों की 12 मार्च को बैठक होने जा रही है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden), ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) और जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा (Yoshihide Suga) इस बैठक में हिस्सा लेंगे. 

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