Afghanistan: हम वो पंछी जिनके पर कतरे जा चुके हैं...अफगान लड़की ने UN में बताया तालिबानी शासन का 'सच'
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Afghanistan: हम वो पंछी जिनके पर कतरे जा चुके हैं...अफगान लड़की ने UN में बताया तालिबानी शासन का 'सच'

Afghanistan Under The Taliban: अफगानिस्तान में सत्तारुढ़ तालेबान प्रशासन की अगस्त 2021 में वापसी हुई थी, जिसके बाद से ही महिला अधिकारों के लिए हालात तेजी से खराब हुए हैं.

Afghanistan: हम वो पंछी जिनके पर कतरे जा चुके हैं...अफगान लड़की ने UN में बताया तालिबानी शासन का 'सच'

Afghanistan News: अफगानिस्तान में रहने वाले एक लड़की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय को देश के भीतर के सबूत उपलब्ध कराए. लड़की वीडियो में सफेद स्क्रीन के पीछे बैठे दिखाई दे रही थी और उसके सिर पर केवल काला आवरण ही दिखाई दे रहा था

एएफपी के मुताबिक अफगान लड़की ने बताया कि तीन साल पहले तालिबान के सत्ता में आने से पहले वहां के हालात कैसे थे. उन्होंने कहा कि इससे पहले, महिलाएं और लड़कियां आजाद थी. लेकिन अब हम स्वतंत्र नहीं हैं। हम गुलामों की तरह हैं.'

उसने कहा कि अफगान लड़कियां 'टूटे हुए पंखों वाले पक्षियों' की तरह हैं. वे अभी भी उड़ने की कोशिश कर रही हैं और उस मौके को ढूंढ रही हैं जब वे और जितना हो सके उतना ऊंचा उड़ान भर पाए.'

कई महिलाओं ने की आत्महत्या
अपनी गवाही में अफगान लड़की ने बताया कि वह ऐसी कई महिलाओं को जानती है जिन्होंने आत्महत्या कर ली थी. पुरुषों ने इन महिलाओं को उचित हिजाब नहीं पहनने का बहना बनाकर पकड़ लिया था और बुरी तरह पीटा था.

लड़की ने कहा कि वह खुद भी लगातार इस बात को लेकर चिंतित रहती थी कि अगर सुरक्षा बलों ने उसे पकड़ लिया तो क्या होगा. क्या वे मुझे मार देंगे?  उसने कहा कि वह 'अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित है.'

लड़कियों के माध्यमिक स्कूलों में जाने पर बैन लगा दिए जाने के बाद से वह घर पर ही रह रही हैं. अपनी मां की मदद कर रही हैं और तरह-तरह के व्यंजन बनाना सीख रही हैं।

मैं एक उज्ज्वल भविष्य चाहती हूं
अफगान लड़की ने अपनी गवाही में कहा, ‘यह यह मेरा भविष्य नहीं है, मैंने अपने जीवन में कई अवसर खो दिए... मैं डिप्रेशन का सामना करती हूँ और मजबूर महसूस करती हूं, लेकिन, मैंने हार नहीं मानी, और मैं कभी हार नहीं मानूंगी, मैं एक उज्ज्वल भविष्य चाहती हूं.मैं एक नेता बन सभी अफ़गान लड़कियों की आवाज़ बनना चाहती हूं.'

अफगान लड़की ने कहा, 'मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील करती हूं कि वे अफगानिस्तान की लड़कियों और महिलाओं का समर्थन करते रहें, खासकर शिक्षा और काम के मामले में.'

मानवता के खिलाफ अपराध
इस बीच अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि अफगान महिलाओं व लड़कियों का जिस तरह से गम्भीर व व्यापक पैमाने पर दमन किया जा रहा है कि यह उनके अधिकारों पर एक विशाल, व्यवस्थागत ढंग से किए जा रहे हमले जैसा प्रतीत होता है.

यूएन के विशेष रैपोर्टेयर रिचर्ड बैनेट ने मंगलवार को जिनीवा में मानवाधिकार परिषद के सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि अफगान महिलाओं व लड़कियों के इस दमन को मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.

तालिबान ने लगाई महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां
अफगानिस्तान में सत्तारुढ़ तालेबान प्रशासन की अगस्त 2021 में वापसी हुई थी, जिसके बाद से ही महिला अधिकारों के लिए हालात तेजी से खराब हुए हैं.

अफगानिस्तान में सत्तारुढ़ तालेबान प्रशासन की अगस्त 2021 में वापसी हुई थी, जिसके बाद से ही महिला अधिकार कम होते जा रहे हैं. महिलाओं व लड़कियों पर सख्त ड्रेस कोड थोपा गया. उच्चतर शिक्षा हासिल करने पर पाबंदी लगाई गई, महिलाओं को रोजगार-बिजनेस से बाहर कर दिया गया, और सार्वजनिक स्थलों पर उनकी आवाजाही भी बेहद सीमित कर दी गई है.

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