Pyongyang vs Seoul: लाउडस्पीकरों और गुब्बारों की जंग के बीच चली गोलियां, कोरियाई सीमा पर ये हो क्या रहा है?
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Pyongyang vs Seoul: लाउडस्पीकरों और गुब्बारों की जंग के बीच चली गोलियां, कोरियाई सीमा पर ये हो क्या रहा है?

दक्षिण कोरिया की सेना का कहना है कि इस हफ्ते उत्तर कोरियाई सैनिकों द्वारा इस सप्ताह सीमा पार करने के बाद उसकी तरफ से गोलियां चलाई गईं.

Pyongyang vs Seoul: लाउडस्पीकरों और गुब्बारों की जंग के बीच चली गोलियां, कोरियाई सीमा पर ये हो क्या रहा है?

South Korea–North Korea: दक्षिण कोरिया की सेना का कहना है कि इस हफ्ते उत्तर कोरियाई सैनिकों द्वारा इस सप्ताह सीमा पार करने के बाद उसकी तरफ से गोलियां चलाई गईं. बता दें प्योंगयांग द्वारा दक्षिण कोरिया में कचरा ले जाने वाले गुब्बारे भेजे जाने और सियोल की तरफ से लाउडस्पीकर प्रचार अभियान के साथ जवाबी कार्रवाई के बाद तनाव बढ़ रहा है.

ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ [जेसीएस] ने मंगलवार को एक बयान में कहा, 'केंद्रीय मोर्चे पर DMZ के भीतर काम कर रहे कुछ उत्तर कोरियाई सैनिकों ने कुछ समय के लिए सैन्य सीमांकन रेखा ( Military Demarcation Line) पार कर ली.' बयान में कहा गया, 'हमारी सेना की तरफ वार्निंग ब्रॉडकास्टिंग और चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाने के बाद, वे उत्तर की ओर पीछे हट गए.' बयान के मुताबिक कि यह घटना 9 जून को हुई.

जेसीएस ने कहा, 'हमारी चेतावनी के बाद उत्तर कोरियाई सैनिकों के तत्काल पीछे हटने के अलावा, कोई असामान्य गतिविधि नहीं देखी गई.' उन्होंने कहा कि सेना बॉर्डर के करीब सैनिकों पर बारीकी से नजर रख रही है.

जेसीएस के प्रवक्ता ली सुंग जून ने बताया कि दक्षिण कोरिया की सेना ने आकलन किया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने जानबूझकर सीमा पार नहीं की, क्योंकि वह स्थान जंगली क्षेत्र है और वहां एमडीएल के संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते.'

क्या है डीएमजे
इसे 1953 में कोरियाई युद्धविराम समझौते के प्रावधानों के तहत उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के देशों के बीच एक बफर ज़ोन के रूप में स्थापित किया गया था, जो उत्तर कोरिया, चीन और संयुक्त राष्ट्र कमान के बीच एक समझौता था. DMZ के भीतर दोनों देशों के बीच एक बैठक बिंदु है,

248 किलोमीटर (155 मील) लंबा, 4 किलोमीटर (2.5 मील) चौड़ा DMZ (Demilitarized Zone) दुनिया की सबसे भारी हथियारों से लैस सीमा है. सीमा के अंदर और उसके आस-पास करीब 2 मिलियन बारूदी सुरंगें फैली हुई हैं, जिसकी सुरक्षा दोनों तरफ़ से कांटेदार तार की बाड़, टैंक ट्रैप और लड़ाकू सैनिकों द्वारा की जाती है. यह 1950-53 के कोरियाई युद्ध की विरासत है, जो शांति संधि के बजाय युद्धविराम के साथ समाप्त हुआ था. 

 

दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा
हाल के सप्ताहों में, उत्तर कोरिया ने कचरे से लदे सैकड़ों गुब्बारे दक्षिण में भेजे हैं, जिसे वह साउथ कोरिया में कार्यकर्ताओं द्वारा भेजे गए प्योंगयांग विरोधी प्रचार वाले गुब्बारों का बदला बता रहा है.

दक्षिण कोरियाई सरकार ने इस महीने 2018 के सैन्य समझौते को पूरी तरह से निलंबित कर दिया और गुब्बारों के जवाब में सीमा पर लाउडस्पीकर प्रचार प्रसारण फिर से शुरू कर दिया. इससे उत्तर कोरिया नाराज हो गया, उसने चेतावनी दी कि सियोल एक 'नया संकट' पैदा कर रहा है.

दक्षिण कोरिया की सेना ने सोमवार को कहा कि उसे ऐसे संकेत मिले हैं कि उत्तर कोरिया अपने खुद के लाउडस्पीकर लगा रहा है. उत्तर कोरिया ने 1960 के दशक से ही सीमा पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया था, जिसमें आमतौर पर किम परिवार की प्रशंसा की जाती थी, लेकिन 2018 में संबंधों में सुधार के बाद इसका इस्तेमाल बंद कर दिया गया.

एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि 2018 के सौदे को खत्म करने और लाउडस्पीकर प्रसारण को फिर से शुरू करने के फैसले के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

File photo courtesy: Reuters

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