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काबुल: तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल पर भी कब्जा कर लिया है. इसी के साथ अफगान में तालिबान शासन का रास्ता साफ हो गया है. राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने कुछ करीबियों के साथ मुल्क छोड़कर चले गए हैं. शुरुआत में उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) के भी विदेश जाने की खबर थी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया है. सालेह ने कहा है कि वो अपने देश में ही हैं. वहीं, राष्ट्रपति भवन (Presidential Palace of Afghanistan) पर कब्जा जमा चुके तालिबान लड़ाकों की पहली तस्वीर सामने आई है.
राष्ट्रपति भवन (Presidential Palace of Afghanistan) में तालिबानी लड़ाके हथियारों के साथ नजर आ रहे हैं. उधर, तालिबान के क्रूर शासन के डर से अफगानिस्तान के लोग पलायन करने को मजबूर हैं. हवाईअड्डे (Kabul International Airport) पर बस स्टैंड जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. भारी तादाद में लोग वहां पहुंच रहे हैं. एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच जैसा कुछ नहीं है. काबुल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट आयशा अहमदी ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि हवाईअड्डे के बाहर गोलीबारी हो रही है.
Caught by a crossfire. #Kabul now #KabulHasFallen #Afghanistan
Thanks for your help, cannot get help but now late!
Buried my hope with this darkness. pic.twitter.com/PZq4Ci6VUn— Aisha Ahmad (@AishaTaIks) August 15, 2021
ये भी पढ़ें -Afghanistan: तालिबान ने किया सरकार बनाने का ऐलान, काबुल से कमर्शियल उड़ानों पर लगाई रोक
Another Saigon moment: chaotic scenes at Kabul International Airport. No security. None. pic.twitter.com/6BuXqBTHWk
— Saad Mohseni (@saadmohseni) August 15, 2021
In my soil. With d people. For a cause & purpose. With solid belief in righteousness. Opposing Pak bcked oppression & brutal dictatorship is our legitimacy.
در خاک خود. با مردم خود. برای یک داعیه و هدف واقعی.با اعتقاد راسخ به حقانیت. مقاومت در برابر سلطه ی ظلم منبع مشروعیت ماست.— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 15, 2021
अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने ट्वीट करके देश छोड़ने की खबरों का खंडन किया है. उन्होंने लिखा है, ‘अभी भी अपनी भूमि पर, अपने लोगों के साथ हूं. कारण और उद्देश्य के लिए, सच्चाई के प्रति ठोस विश्वास के साथ पाकिस्तान समर्थित दमनकारियों और तानाशाहों (तालिबान) के खिलाफ’. दूसरी तरफ, अमेरिकी दूतावास से कर्मियों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर आसमान में उड़ान भरते दिखाई दिए हैं. हवाईअड्डे पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी सैनिकों को हवाई फायर भी करने पड़े. सैनिक ह्यूमन शील्ड बनाकर खड़े हैं ताकि उनके विमान को कोई नुकसान न पहुंचे. फिलहाल अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है और 6000 सैनिक उतारने की तैयारी में है.
We are all banging our heads in shame. Ghani Baba @ashrafghani fled with his crooks. He screwed and f***ed everything up. We apologize to everyone for serving the fugitive. May Allah punish the traitor! His legacy will be a stain on our history. @MEAIndia @suhailshaheen1 @ARG_AFG pic.twitter.com/9TJh0enuTV
— Afghan Embassy India (@AfghanistanInIN) August 15, 2021
I have lost access to Twitter handle of @AfghanistanInIN, a friend sent screen shot of this tweet, (this tweet is hidden from me.) I have tried to log in but can’t access. Seems it is hacked. @FMamundzay @FFazly @hmohib pic.twitter.com/kcdlGMpCZ7
— Abdulhaq Azad (@AbdulhaqA) August 16, 2021
वहीं, अफगान के हाल पर भारत स्थित अफगानी दूतावास की तरफ से कई तीखे ट्वीट किए थे. इन ट्वीट में राष्ट्रपति सहित उनके कुछ करीबियों को निशाना बनाया गया था. एक ट्वीट में लिखा था, 'हम सब शर्म से सिर पीट रहे हैं और गनी बाबा अपने बदमाशों के साथ भाग गए. उन्होंने सब कुछ बर्बाद कर दिया. भगोड़े की सेवा करने के लिए हम सभी से क्षमा चाहते हैं. अल्लाह गद्दार को सजा दे! उनकी विरासत हमारे इतिहास पर एक धब्बा होगी’. दूसरे ट्वीट में राष्ट्रपति कार्यालय के डायरेक्टर और अशरफ गनी के खास जनरल फजल फजली पर हमला करते हुए बीबीसी की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें चरित्रहीन दर्शाया गया था. हालांकि बाद में सभी ट्वीट डिलीट कर दिए गए और दूतावास के प्रेस सचिव ने अकाउंट हैक होने की बात कही. Abdulhaq Azad ने कहा कि मैं एंबेसी के अकाउंट में लॉग इन नहीं कर पा रहा हूं, शायद उसे हैक कर लिया गया है.
राजधानी काबुल पर कब्जा करने से पहले तालिबान ने 26 प्रांतों को अपना बना लिया है. अल-जजीरा के अफगान ब्यूरो के अनुसार, लड़ाकों ने 6 अगस्त को निमरोज -6 अगस्त, 7 अगस्त को जोज्जान, 8 अगस्त को तखर, कुंदुज, सर-ए-पोल, 8 अगस्त को समांगन,- 10 अगस्त को फराह, बगलान, 11 अगस्त को बदख्शां, 12 अगस्त को गजनी, हेरात, कंधार, 13 अगस्त को बड़गी, हेलमंद, जाबुल, उरुजगन, लोगर, घोर, 14 अगस्त को बल्ख, 15 अगस्त को पक्तिया, दयाकुंडी, वरदक, कुनार, लगमन, खोस्त और नंगरहार पर कब्जा किया.