Corona: जांच टीम ने China और WHO को घेरा; रिपोर्ट में कहा- ‘तेजी से कदम उठाते तो नियंत्रित हो सकता था वायरस’
Advertisement
trendingNow1830689

Corona: जांच टीम ने China और WHO को घेरा; रिपोर्ट में कहा- ‘तेजी से कदम उठाते तो नियंत्रित हो सकता था वायरस’

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन जनवरी में ही तेजी और गंभीरता के साथ कदम उठा सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. वहीं, विश्व स्वास्थ्य सगठन ने 22 जनवरी तक आपातकालीन बैठक नहीं की और आउटब्रेक को इमर्जेंसी करार देने में जरूरत से ज्यादा समय लगाया.

 

फाइल फोटो

जेनेवा: चीन (China) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) यदि चाहते, तो कोरोना वायरस (Coronavirus) को समय पर नियंत्रित किया जा सकता था. यह कहना है कि इंडिपेंडेंट पैनल फॉर पैन्डेमिक प्रिपेयर्डनेस एंड रिस्पॉन्स (IPPR) का. अपनी दूसरी रिपोर्ट में IPPR ने कहा है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए शुरुआत में कुछ कदम उठाए जा सकते थे. जांच टीम के मुताबिक, आउटब्रेक को बड़े पैमाने पर छिपाया गया, जिसकी वजह से वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. 

  1. IPPR ने दूसरी रिपोर्ट में उठाए कई सवाल
  2. छिपाने के चलते ही दुनिया में फैली महामारी
  3. WHO ने सही समय पर नहीं लिया फैसला

अकेले China दोषी नहीं
 

इस रिपोर्ट से साफ हो जाता है कि दुनिया को कोरोना महामारी में धकेलने के लिए अकेले चीन (China) ही दोषी नहीं है, WHO ने भी उसमें अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी निभाई है. जांचकर्ताओं का कहना है कि महामारी को छिपाने के कारण यह दुनियाभर में फैली. शुरुआती मामलों की स्टडी से संकेत मिलते हैं कि इसे रोकने के लिए पहले कदम उठाए जा सकते थे. रिपोर्ट के मुताबिक, पैनल ने यह पाया है कि चीन का स्थानीय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रशासन जनवरी में ही तेजी और गंभीरता के साथ कदम उठा सकता था.

ये भी पढ़ें -Surname की समस्या से परेशान है चीन, 137 करोड़ की आबादी में सिर्फ 100 उपनाम, जानिए पूरा मामला

VIDEO

WHO ने क्यों नहीं की बैठक?
 

जांच पैनल ने महामारी की शुरुआत में WHO के ढीले रवैये की आलोचना की है. इसका कहना है कि WHO ने 22 जनवरी तक आपातकालीन बैठक ही नहीं की और आउटब्रेक को इमर्जेंसी करार देने में जरूरत से ज्यादा समय लगाया. रिपोर्ट में कहा गया है कि WHO ने ऐसा क्यों किया, यह साफ नहीं है. इस जांच रिपोर्ट के बाद चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन दोनों कठघरे में आ गए हैं. चीन पर जहां कोरोना फैलाने के आरोप लगते रहे हैं, वहीं WHO पर चीन की कारगुजारियों पर पर्दा डालने के. हालांकि, ये बात अलग है कि दोनों ही इन आरोपों से इनकार करते आए हैं.

Trump ने दिखाई थी सख्ती
 

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कार्यकाल में अमेरिका ने कोरोना को लेकर चीन और WHO के प्रति सख्त रुख अपनाया था. अमेरिका ने WHO को चीन की कठपुतली करार देते हुए उससे सभी तरह के संबंध भी तोड़ लिए थे. वहीं, अमेरिका के गृह विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर वुहान स्थित वायरॉलजी इंस्टिट्यूट पर कई सवाल उठाए थे. रिपोर्ट में अमेरिका ने कहा था कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने COVID-19 महामारी की उत्पत्ति कैसे हुई, इसकी पारदर्शिता के साथ जांच होने से रोकी और झूठ फैलाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी.

 

Trending news