North Korea Laws : गलती या अपराध करने पर हर देश का कानून अपराधी को सजा देता है. कुछ जगहों पर कानून बहुत सख्त हैं, जैसे- तालिबानी कानून. इसी तरह एक देश ऐसा भी है जहां किसी व्यक्ति के गलती करने पर उसकी 3 पीढ़ियों को सजा दी जाती है.
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North Korea Rules and Regulations : दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं, जहां की तानाशाही के किस्से रोंगटे खड़े कर देते हैं. इनमें से एक है उत्तर कोरिया. उत्तर कोरिया का नाम सुनते ही जेहन में कई अजीबोगरीब चीजें आने लगती हैं. फिर चाहे वह खाद बनाने के लिए पॉटी इकट्ठी करने का कानून हो, महिलाओं-पुरुषों की हेयरस्टाइल कपड़ों से जुड़ी सख्तियां हों या फिर सोशल मीडिया पर पाबंदी के किस्से. उत्तर कोरिया के इन अजीब कानूनों ने यहां के लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है, लेकिन सख्त पाबंदियों के चलते इस देश की बातें बाहर नहीं आ पाती हैं. यहां पर गलती करने पर सजा देने के लिए भी बहुत सख्ती बरती जाती है.
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3 पीढ़ी के लोग भुगतते हैं सजा
पहले तो उत्तर कोरिया के कानून बेहद सख्त हैं और उस पर कोई भी नियम-कानून मानने में छोटी सी भी गलती हो जाए तो कड़ी सजा भुगतनी पड़ती है. लेकिन इससे भी बड़ी हद है कि यहां एक व्यक्ति अपराध करता है तो केवल उसे ही सजा नहीं मिलती है बल्कि उसके दादा-दादी, माता-पिता और बच्चों सहित उसकी पूरी ब्लडलाइन को जेल भेज दिया जाता है. इस तरह वहां एक गलती करना पूरे परिवार पर भारी पड़ता है. यही वजह है कि लोग यहां बहुत डरकर जीवन गुजारने के लिए मजबूर हैं.
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टीवी, सोशल मीडिया पर बैन
उत्तर कोरिया में लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है. वहां लोग अपनी मर्जी से ना तो जीवन जी सकते हैं और ना ही टीवी, मोबाइल देख सकते हैं. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने मीडिया पर ऐसी मजबूत पकड़ बना कर रखी है कि लोग टीवी पर वही चुनिंदा 3 चैनल देख सकते हैं, जो सरकार ने तय किए हैं.
यहां पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी बैन हैं. लोगों को उन सभी चीजों से दूर रखा जाता है जो उन्हें बाहरी दुनिया से जोड़ें.
टूरिस्ट्स पर भी सख्त पाबंदी
उत्तर कोरिया में ना केवल यहां के लोगों के लिए कड़े नियम-कानून हैं, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों को भी सख्त नियम पालने पड़ते हैं. यहां आने वाले टूरिस्ट को यहां आते ही अपनी पूरी चेकिंग करानी होती है. उनके मोबाइल, सामान, यहां तक की मोबाइल के पूरे डेटा की भी जांच की जाती है. जब पर्यटक उत्तर कोरिया से वापस जाते हैं तो उन्हें फिर से कड़ी जांच-पड़ताल से गुजरना पड़ता है. वे यहां से एक फोटो भी खींचकर नहीं ले जा सकते हैं. उनका मोबाइल समेत सारे गैजेट चैक किए जाते हैं.
स्कूली बच्चों से कराई जाती है मजदूरी
उत्तर कोरिया में मासूम बच्चों तक को नहीं बख्शा जाता है. यहां स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी कामों में मजदूरी तक करवाई जाती है. इसमें उनसे कूड़ा उठवाना सबसे आम बात है.