France New Caledonia Crisis: आपातकाल की स्थिति अधिकारियों को यात्रा प्रतिबंध लागू करने, घर में गिरफ्तारी करने और तलाशी लेने की परिमशन होती है. नाइट कर्फ्यू के अलावा सभाओं, हथियार ले जाने और शराब की बिक्री पर भी बैन होता है.
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New Caledonia Crisis: फ्रांस (France) ने न्यू कैलेडोनिया (New Caledonia) के बंदरगाहों और इंटरनेशल एयरपोर्ट पर सैनिकों को तैनात कर दिया , टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया और तीन रातों की हिंसक झड़पों के बाद गुरुवार को इमरजेंसी की स्थिति घोषित कर दी. हिंसक झड़पों में चार लोगों के मारे जाने की और सैकड़ों के घायल होने की सूचना है.
आपातकाल की स्थिति अधिकारियों को यात्रा प्रतिबंध लागू करने, घर में गिरफ्तारी करने और तलाशी लेने की परिमशन होती है. नाइट कर्फ्यू के अलावा सभाओं, हथियार ले जाने और शराब की बिक्री पर भी बैन होता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वदेशी लोगों के नेतृत्व में स्वतंत्रता-समर्थक लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी मुख्य रूप से प्रशांत द्वीपसमूह में नए मतदान नियम लागू करने के फ्रांसीसी प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं.
1980 के बाद सबसे हिंसक संघर्ष
न्यू कैलेडोनिया में यह 1980 के दशक के बाद से सबसे हिंसक संघर्ष माना जा रहा है.
चार दिनों की अशांति के बाद मुख्य सड़कों पर जमा हुआ जला हुआ मलबा, पत्थर और सीमेंट के छोटे-छोटे टुकड़े फैले हुए हैं. बख्तरबंद गाड़ियां शहर की सड़कों पर घूम रही हैं, जहां आमतौर पर पर्यटकों की भीड़ रहती है.
क्षेत्र के भयभीत निवासियों ने सड़कों पर लकड़ी के फूस, ठेले, बेडफ्रेम, प्लास्टिक जेरिकन, पेड़ के पत्ते और बाड़ के स्क्रैप जैसी चीजों का ढेर लगाकर अस्थायी बाधाएं खड़ी कर दीं.
फ्रांसिसी सत्ता ने काफी सख्त प्रतिक्रिया दी है. सुरक्षा बलों ने पांच संदिग्ध सरगनाओं को घर में नजरबंद कर दिया. यह कार्रवाई हाई कमिशन के एक बयान पर आधारित थी, जो न्यू कैलेडोनिया में फ्रांसीसी राज्य का प्रतिनिधित्व करता है. इसमें कहा गया है, ‘आने वाले घंटों में' घरों की तलाशी ली जाएगी.
हाईकमिशन ने कहा कि झड़प शुरू होने के बाद से 200 से अधिक ‘दंगाइयों’ को गिरफ्तार किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि 64 पुलिसकर्मियों समेत सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
'हमें दूध चाहिए'
फ्रांसीसी अधिकारियों ने तीसरी रात भी ‘संघर्ष’ की सूचना दी. हालांकि एएफपी के मुताबिक राजधानी नौमिया की सड़कें पिछली रातों की तुलना में शांत दिखाई दीं.
हालांकि लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. राजधानी के एक उपनगर में रहने वाली एक महिला ने एएफपी को बताया, ‘हमने दुकानों में खाने के लिए जो कुछ था उसे ही छीन लिया. जल्द ही वहां कोई और दुकानें नहीं होंगी.’ उसने कहा, ‘हमें बच्चों के लिए दूध की जरूरत है. मैं इसे लूटपाट के रूप में नहीं देखती.
मैक्रॉन की बातचीत शुरू करने की अपील
हाइकमिशन ने कहा, फ़्रांस एक ‘हवाई पुल' स्थापित कर रहा है, जिससे सेना और पुलिस बलों को तेजी से भेजा जा सके, साथ ही आबादी के लिए जरूरी सप्लाई भी पहुंचाई जा सके.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने गुरुवार को पेरिस में न्यू कैलेडोनियन सांसदों के साथ बातचीत करने की पेशकश की और राजनीतिक बातचीत फिर से शुरू करने की अपील की.
टिकॉटक बैन
फ्रांस के प्रधानमंत्री गेब्रियल अटाल ने एक संकटकालीन मंत्रिस्तरीय बैठक में बताया कि सैनिकों को बंदरगाहों और इंटरनेशल एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए भेजा गया था, जो वाणिज्यिक उड़ानों के लिए खुला नहीं है.
अटाल ने कहा कि टिकटॉक पर इसलिए बैन लगाया गया है क्योंकि दंगाई इसका इस्तेमाल कर रहे थे.
फ्रांस ने उन्नीसवीं सदी में न्यू कैलेडोनिया पर कब्जा किया था
न्यू कैलेडोनिया ऑस्ट्रेलिया और फिजी के बीच स्थित है. यह दुनिया भर के कई क्षेत्रों में से एक है जो औपनिवेशिक काल के बाद भी मुख्य रूप से फ्रांसीसी नियंत्रण में है.
उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में फ़्रांस ने इस क्षेत्र पर उपनिवेश स्थापित किया. इसे देश के ओवरसीज क्षेत्रों से अलग एक विशिष्ट दर्जा मिला.
तीन जनमत संग्रहों में स्वतंत्रता को खारिज कर दिया गया है. हालांकि आजादी के लक्ष्य को अभी भी कनक लोगों के बीच मजबूत समर्थन प्राप्त है, जिनके पूर्वज हजारों वर्षों से द्वीपों पर बसे हुए हैं.
किस वजह से न्यू कोंडालियान में मचा बवाल
17,000 किलोमीटर (10,600 मील) दूर स्थित फ्रांस की नेशनल असेंबली ने 10 वर्षों से न्यू कैलेडोनिया में रहने वाले निवासियों को मतदान का अधिकार देने के लिए मंगलवार को मतदान किया. हालांकि इस सुधार के लिए अभी भी फ्रांसीसी संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र से अप्रूवल की जरुरत है.
इस कमद के विरोध कर रहीं स्वतंत्रता-समर्थक ताकतों का दावा है कि इस कार्रवाई से कनकों की मतदान शक्ति कम हो जाएगी, जो आबादी का लगभग 41 प्रतिशत हैं.
सुधार का समर्थन करने वालों का तर्क है कि 1998 के बाद से मतदाता सूचियों को अपडेट नहीं किया गया है, जिससे बाद में आने वाले द्वीप निवासी प्रांतीय चुनावों में भाग लेने से वंचित हो गए हैं.