Gut Bacteria कोरोना के खिलाफ हो सकता है कारगर, नई स्टडी में खुलासा
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Gut Bacteria कोरोना के खिलाफ हो सकता है कारगर, नई स्टडी में खुलासा

पहले भी एक ऐसी ही स्टडी सामने आई है जिसमें खुलासा हुआ था कि कोरोना के संक्रमित कुछ मरीजों में पेट से संबंधित दिक्कतें होती हैं जबकि कुछ मरीजों के फैफड़ों तक ही यह संक्रमण फैलता है. 

फाइल फोटो: (IANS)

सियोल​: दुनियाभर के तमाम देश कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और वैक्सीनेशन को महामारी के खिलाफ सबसे पुख्ता हथियार माना जा रहा है. इस वायरस से लड़ने के लिए रोज नई खोज और रिसर्च हो रही हैं. अब एक नई स्टडी में सामने आया है कि कोरोना वायरस से लड़ने का हथियार इंसान के पेट में ही मौजूद है. स्टडी के मुताबिक हमारे पेट में एक ऐसा बैक्टीरिया है जो इस वायरस पर लगाम लगा सकता है.

  1. योंसेई यूनिवर्सिटी की स्टडी में खुलासा
  2. पेट में मिलने वाला बैक्टीरिया कारगर
  3. वायरस को रोकते हैं कंपाउंड्स

पेट में वायरस का इलाज!

आईएएनएस की खबर के मुताबिक साउथ कोरिया की योंसेई यूनिवर्सिटी की स्टडी के मुताबिक कोरोना वायरस से लड़ने में इंसान के पेट में मौजूद एक बैक्टीरिया मददगार साबित हो सकता है. शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में पाया कि बैक्टीरिया एक ऐसे कंपाउंड की उत्पत्ति करता है जो कोरोना की वजह SARS-CoV-2 वायरस को रोकने में सक्षम है.  

पहले भी एक ऐसी ही स्टडी सामने आई है जिसमें खुलासा हुआ था कि कोरोना के संक्रमित कुछ मरीजों में पेट से संबंधित दिक्कतें होती हैं जबकि कुछ मरीजों के फैफड़ों तक ही यह संक्रमण फैलता है. 

कंपाउंड टेस्ट से मिले नतीजे

योंसेई यूनिवर्सिटी के रिसर्चर मोहम्मद अली ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'हमने सोचा कि क्या पेट में पाए जाने वाला बैक्टीरिया वायरस के हमले से आंत को बचा सकता है या नहीं.' इसे परखने के लिए रिसर्चर्स ने कोरोना के खिलाफ गट बैक्टीरिया की भूमिका पर गौर किया. इसमें पता चला कि बिफिदोबैक्टीरियम नामक बैक्टीरिया में कुछ इस तरह की गतिविधि देखी गई है.

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शोधकर्ता ने इस नतीजे तक पहुंचने के लिए कई तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया है जिनमें मशीन लर्निंग टेकनिक भी शामिल है. रिसर्चर्स का कहना है कि ये कंपाउंड वायरस के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं. मोहम्मद अली ने बताया कि यहां तक पहुंचने के लिए कई तरह के कंपाउंड्स का टेस्ट किया गया था लेकिन अब भी स्टडी के पूरे डाटा पर गहन शोध का काम बाकी है. 

इस रिसर्च को वर्ल्ड माइक्रोब फोरम में पेश किया जाएगा जो कि 20 से 24 जून के बीच आयोजित हो रही है.  

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