संयुक्त राष्ट्र के साथ ही अमेरिका और भारत समेत कुछ देशों ने यामीन सरकार से आपातकाल हटाने और सामान्य स्थिति बहाल करने का अनुरोध किया.
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वॉशिंगटन: मालदीव के एक प्रमुख विपक्षी नेता ने कहा कि यही समय है जब आपातकाल झेल रहे इस राष्ट्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिये अमेरिका और भारत को अहम भूमिका निभानी चाहिए. राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन देश में आपालकाल की घोषणा की थी और इसके बाद पिछले महीने संसद ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे और संवैधानिक संकट को देखते हुये इसे तीस दिनों के लिये और बढ़ा दिया था. संयुक्त राष्ट्र के साथ ही अमेरिका और भारत समेत कुछ देशों ने यामीन सरकार से आपातकाल हटाने और सामान्य स्थिति बहाल करने का अनुरोध किया.
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता अहमद नसीम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका और भारत के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बचाव के लिये आगे आए. उन्होंने इस रणनीतिक समुद्री क्षेत्र से होने वाले कारोबारी रास्ते के निर्बाध रूप से जारी रहने के लिये भी इस स्थिति से निपटने के लिये हस्तक्षेप का जिक्र किया. नसीम पिछले कुछ दिनों से वह प्रमुख अमेरिकी अधिकारियों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों से मिल रहे हैं.
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वह संयुक्त राष्ट्र की15 सदस्यों वाली शक्तिशाली शाखा द्वारा भी मालदीव की मौजूदा स्थिति पर चर्चा चाहते हैं. नसीम ने कहा कि अमेरिका और भारत दो अहम देश हैं और यह समय है जब दोनों देश मालदीव में सामान्य स्थिति और लोकतंत्र की बहाली कर सकते हैं.
भारत की भूमिका
बता दें कि मो. नशीद जब मालदीव के लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए पहले राष्ट्रपति बने तो भारत ने उनका स्वागत किया था. उनके दौर में भारत और मालदीव के संबंध मजबूत हुए. लेकिन नशीद की जब लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ किया गया तो कई आलोचकों का कहना है कि भारत ने अपेक्षित रूप से उनका समर्थन नहीं किया. हालांकि ब्रिटेन में निर्वासन का जीवन व्यतीत कर रहे नशीद को पिछले साल भारत ने एक सेमिनार के सिलसिले में भारत बुलाया था. उसके बाद मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन ने भी भारत की कुछ समय पहले यात्रा की थी.
दरअसल, अब्दुल्ला यमीन को यह अहसास थोड़ा बाद में हुआ कि हिंद महासागर में भारत की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. हालांकि उसके पहले वह चीन के करीबी होने की कोशिशों में लगे थे. पीएम मोदी ने भी सत्ता संभालने के बाद अब तक कई एशियाई देशों की यात्राएं की हैं लेकिन मालदीव नहीं गए हैं. इसको दोनों देशों के बीच आई दूरी के रूप में देखा जा रहा है.
इनपुट भाषा से भी