पिछले हफ्ते सामने आए कोरोना के रिकॉर्ड मामले, आंकड़ा सुनकर उड़ जाएंगे होश
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पिछले हफ्ते सामने आए कोरोना के रिकॉर्ड मामले, आंकड़ा सुनकर उड़ जाएंगे होश

कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जो आंकड़े जारी किए हैं, वो चिंता बढ़ाने वाले हैं. पिछले हफ्ते दुनियाभर में 2.1 करोड़ से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. ये आंकड़ा महामारी की शुरुआत के बाद से साप्ताहिक स्तर पर सबसे ज्यादा है.

फाइल फोटो

जिनेवा: कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलने की रफ्तार टॉप गियर में है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि दुनियाभर में गत सप्ताह कोरोना संक्रमण के 2.1 करोड़ से ज्यादा नए मामले सामने आए, जो महामारी की शुरुआत के बाद से साप्ताहिक स्तर पर सबसे ज्यादा हैं. WHO ने इस बात पर भी जोर दिया है कि कोरोन के डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा मारक क्षमता और प्रजनन दर होने के कारण ओमिक्रॉन (Omicron) धीरे-धीरे सार्स-सीओवी-2 वायरस का प्रमुख वेरिएंट बनता जा रहा है.

  1. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी किए आंकड़े
  2. 17 से 23 जनवरी तक रिकॉर्ड केस दर्ज
  3. तेजी से फैलता जा रहा है ओमिक्रॉन

50 हजार लोगों की हुई मौत

WHO की ओर से मंगलवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, बीते हफ्ते यानी 17 से 23 जनवरी के बीच वैश्विक स्तर पर कोरोना के नए मामलों में पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित 2.1 करोड़ से ज्यादा नए मरीज मिले. वहीं, संक्रमण से 50 हजार से अधिक लोगों की जान भी गई. बीते हफ्ते सर्वाधिक नए मामले अमेरिका (42,15,852), फ्रांस (24,43,821), भारत (21,15,100), इटली (12,31,741) और ब्राजील (8,24,579) में दर्ज किए गए.

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यहां गईं सबसे ज्यादा जानें

इस अवधि में मौतों की बात करें तो संक्रमण से सबसे ज्यादा जानें अमेरिका (10,795), रूस (4,792), भारत (3,343), इटली (2440) और ब्रिटेन (1888) में गईं. WHO ने कहा कि ओमिक्रॉन के यात्रा संबंधी मामले सामने आने के बाद कई देशों में इस वेरिएंट का सामुदायिक प्रसार होने लगा है. हालांकि, जिन देशों में बीते वर्ष नवंबर-दिसंबर में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़े थे, वहां इनमें या तो कमी आ चुकी है या फिर कमी दिखनी शुरू हो गई है. 

बढ़ते मामलों के बीच ढिलाई

उधर, नीदरलैंड (Netherlands) ने कड़े प्रतिबंधों में ढील देना शुरू कर दिया है, जबकि देश में संक्रमण के मामलों में कोई कमी दर्ज नहीं की गई है. पिछले हफ्ते यहां रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार की ये जल्दबाजी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है. नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट (Mark Rutte) पर प्रतिबंधों में ढील देने का दबाव था और इसी के चलते उन्होंने प्रतिबंधों में ढील का ऐलान कर दिया है.

इनपुट: भाषा

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