Canada में बैन की जाए खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की एंट्री, हिंदू फोरम ने की मांग
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Canada में बैन की जाए खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की एंट्री, हिंदू फोरम ने की मांग

Canada News: हिंदू फोरम कनाडा (एचएफसी)  के कानूनी प्रतिनिधि, पीटर थॉर्निंग ने मार्क मिलर फोरम की मांगों से जुड़ा एक पत्र सौंपा. मिलर कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

Canada में बैन की जाए खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की एंट्री, हिंदू फोरम ने की मांग

India-Canada Tension: हिंदू फोरम कनाडा (एचएफसी) ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा दी गई हेट स्पीच का कड़ा विरोध करते हुए, उसके कनाडाई क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. कनाडा स्थित हिंदू समूह ने पन्नू पर कनाडा में रहने वाले हिंदुओं और भारतीयों के बीच डर पैदा करने का आरोप लगाया है. एचएफसी के कानूनी प्रतिनिधि, पीटर थॉर्निंग ने मार्क मिलर को फोरम की चिंताओं के बारे में बताया, जो कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

एचएफसी ने आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) से इसकी गहन जांच करने और पन्नू को कनाडा में प्रवेश के लिए 'अपात्र' घोषित करने के लिए आवश्यक उपाय करने का आग्रह किया है.

पत्र क्या कहता है?
एचएफसी के वकील द्वारा मार्क मिलर को सौंपे गए पत्र में कहा गया, 'मैं आपके ध्यान में गुरपतवंत सिंह पन्नू के संबंध में गहरी चिंता का विषय लाना चाहता हूं. वह वर्तमान में अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक संगठन के लिए कानूनी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है,  जो एक अलग सिख राज्य की स्थापना की वकालत करता है. इसके अतिरिक्त, पन्नू वह वकील है जिसने 18 जून को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उनके समर्थन में एक बयान जारी किया था.'

पन्नू  के घोषित 'आतंकवादी' होने और भारत के भीतर उसके संगठन, एसएफजे की गैरकानूनी स्थिति पर जोर देते हुए, एचएफसी के वकील, थॉर्निंग ने कनाडाई अधिकारियों का ध्यान दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की ओर दिलाया,  जिन्हें फ्री स्पीच की आड़ में नफरत को बढ़ावा देने वाले खालिस्तानी तत्वों के कारण राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.

पत्र में कहा गया, 'हम इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि भारतीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत सरकार ने पन्नू को आतंकवादी करार दिया और हिंसक चरमपंथ का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए देश में ग्रुप पर प्रतिबंध लगा दिया.'

'कनाडा और भारत के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय संबंध'
एचएफसी के वकील ने पत्र में कहा, 'कनाडा और भारत के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय संबंध हैं जो लोकतंत्र, बहुलवाद और मजबूत पारस्परिक रिश्तों की साझा परंपराओं पर आधारित हैं.भारतीय मूल के लोग कनाडा में बड़े समुदायों में से एक हैं, जिसमें लगभग 4% कनाडाई भारतीय विरासत (1.3 मिलियन लोग) से जुड़े हैं. कनाडा और भारत के बीच गहरे सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंध आधिकारिक संवादों, समझौतों, समझौता ज्ञापनों और कार्य समूहों के बढ़ते नेटवर्क से मजबूत हुए हैं.'

हिंदू समूह ने पन्नू  के एक हालिया वीडियो पर भी ध्यान आकर्षित किया जिसमें उन्होंने सभी भारतीय-कनाडाई हिंदुओं को कनाडा से चले जाने की चेतावनी जारी की थी.

वीडियो में, पन्नू  ने कनाडाई हिंदुओं पर "उसी देश के खिलाफ काम करने" का आरोप लगाया, जहां से उन्हें आर्थिक लाभ मिलता है.'

एचएफसी के कानूनी प्रतिनिधि ने 'सार्वजनिक रूप से नफरत फैलाने' से संबंधित प्रासंगिक धाराओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया और पन्नू  के कार्यों की जांच के साथ-साथ कनाडा में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया.

पत्र में आगे कहा गया, 'आपराधिक संहिता की धारा 319 किसी पहचाने जाने योग्य समूह के खिलाफ नफरत भड़काना या बढ़ावा देना गैरकानूनी बनाती है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि हिंदू एक 'पहचानने योग्य समूह' हैं जैसा कि आपराधिक संहिता की धारा 318 (4) में परिभाषित किया गया है.'

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में, एसएफजे प्रमुख पन्नू  को कनाडाई सिखों से 29 अक्टूबर को वैंकूवर में वोट करने के लिए आग्रह करते हुए सुना जा सकता है कि क्या ‘हरदीप सिंह निजार की हत्या के लिए भारतीय उच्चायुक्त वर्मा जिम्मेदार हैं.’ उसने कहा कि खालिस्तान समर्थक सिख हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं और देश के कानूनों का पालन करते रहे हैं.

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