Human Intestine में पाए जाते हैं 54,118 वायरस; खाने को पचाने में है अहम भूमिका
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Human Intestine में पाए जाते हैं 54,118 वायरस; खाने को पचाने में है अहम भूमिका

स्टडी में सामने आया है कि ये वायरस (Virus) बैक्टीरिया को 'खाते' हैं लेकिन मानव कोशिकाओं (Human cells) पर हमला नहीं कर सकते.

फाइल फोटो.

ब्रिस्बेन: नेचर माइक्रोबायोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी में मानव आंत (Human intestine) में लाइव वायरस (Live Virus) की 54, 118 प्रजातियों की पहचान की गई है. इनमें से 92 प्रतिशत अब से पहले अज्ञात मानी जाती थीं. द यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के फिलिप ह्यूजेनहोल्ट्ज और यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के सू जेन लोव ने कहा, कैलिफोर्निया स्थित ज्वाइंट जीनोम इंस्टिट्यूट और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में की गई स्टडी के दौरान पाया कि इनमें से अधिकतर प्रजातियां बैक्टीरिया खोर होती हैं.

ये वायरस बैक्टीरिया को 'खाते' हैं

स्टडी में सामने आया है कि ये वायरस बैक्टीरिया को 'खाते' हैं लेकिन मानव कोशिकाओं (Human cells) पर हमला नहीं कर सकते. हममें से अधिकांश लोग जब वायरस का नाम सुनते हैं तो हम उन जीवों के बारे में सोचने लग जाते हैं जो हमारी सेल्स को कण्ठमाला, खसरा या फिलहाल मौजूद Covid-19 जैसी बीमारियों से संक्रमित करते हैं. हमारे शरीर में और विशेषकर पेट में इन सूक्ष्म परजीवियों (microscopic parasites) की एक बड़ी संख्या है. 

हर वायरस नुकसान नहीं पहुंचाता

हाल ही में हमारी आंत में रहने वाले सूक्ष्म जीवों (माइक्रोबायोम) के बारे में जानने में बहुत रुचि पैदा हुई है. ये सूक्ष्म जीव न केवल भोजन को पचाने में हमारी मदद करते हैं बल्कि इनमें से कई की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. वे रोगजनक बैक्टीरिया से हमारी रक्षा करते हैं, हमारे मानसिक स्वास्थ्य को व्यवस्थित करते हैं, बचपन में हमारे Immune System को मजबूत बनाते हैं और बड़े होने पर immune regulation में लगातार भूमिका निभाते हैं. यह कहना उचित है कि मानव आंत अब ग्रह पर सबसे अच्छी तरह से स्टडी किया जाने वाला सूक्ष्म जीव पारिस्थितिकी तंत्र है.

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24 देशों में कुछ चौंकाने वाले पैटर्न

फिर भी उसमें पाई जाने वाली 70 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म जीव प्रजातियां अभी तक प्रयोगशाला में विकसित नहीं हुई हैं. सू जेन लोव और फिलिप ह्यूजेनहोल्ट्ज ने कहा, हमारी नई रिसर्च में 24 अलग-अलग देशों के लोगों से लिए गए stool samples-मेटाजेनोम से कम्प्यूटेशनल रूप से viral sequences को अलग किया. हम इस बात का अंदाजा लगाना चाहते थे कि मानव मल में वायरस किस हद तक अपनी जगह बना चुके हैं. इसी दौरान 50,000 से अधिक वायरल प्रजातियों की पहचान हुई. इन वायरल प्रजातियों में से 90% से अधिक विज्ञान के हिसाब से नई हैं. रिसर्च में शामिल किए गए 24 देशों में कुछ चौंकाने वाले पैटर्न देखे गए.

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