साल के पहले दिन इजरायल का एक्शन, हमास के टॉप कमांडर को घर में घुसकर उड़ाया
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साल के पहले दिन इजरायल का एक्शन, हमास के टॉप कमांडर को घर में घुसकर उड़ाया

Israel Gaza conflict: खुफिया जानकारी के आधार पर इस ऑपरेशन को इजरायली सेना और इजरायली सुरक्षा एजेंसी (ISA) ने मिलकर अंजाम दिया. सबाह खन यूनिस के एक मानवीय क्षेत्र में शरण ले रहा था. वह हमास के कई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड भी था.

साल के पहले दिन इजरायल का एक्शन, हमास के टॉप कमांडर को घर में घुसकर उड़ाया

IDF strikes Hamas commander: दुनिया नए साल के जश्न में डूबी है लेकिन इजरायल अभी भी शांत नहीं नजर आ रहा है. इसी कड़ी में इजरायल की सेना ने हमास के नुखबा प्लाटून के कमांडर अब्द अल-हादी सबाह को ड्रोन हमले में मार गिराया है. अब्द अल-हादी सबाह पर 7 अक्टूबर 2023 को किए गए किब्बुत्ज निर ओज हमले का नेतृत्व करने का आरोप था. यह हमला इजरायल में हुए सबसे बड़े और घातक हमलों में से एक था.

इजरायली सेना ने कहां की ये कार्रवाई?
दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने स्रोतों के हवाले से बताया कि IDF ने अपने बयान में कहा कि अब्द अल-हादी सबाह को दक्षिण गाजा के खन यूनिस इलाके में निशाना बनाया गया. खुफिया जानकारी के आधार पर इस ऑपरेशन को इजरायली सेना और इजरायली सुरक्षा एजेंसी (ISA) ने मिलकर अंजाम दिया. सबाह खन यूनिस के एक मानवीय क्षेत्र में शरण ले रहा था. वह हमास के कई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड भी था.

एक नहीं कई आतंकियों का खात्मा
इससे पहले IDF ने बताया था कि 162वीं स्टील डिवीजन ने जबालिया और बैत लाहिया क्षेत्रों में अभियान चलाकर 14 हमास आतंकियों को मारा, जिनमें से छह 7 अक्टूबर के हमले में शामिल थे. ये अभियान हमास के उन आतंकियों को खोजने और खत्म करने के लिए चलाए जा रहे हैं जिन्होंने इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमला किया था.

कैसे किया था 7 अक्टूबर का हमला
हुआ यह था कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बड़ा आतंकवादी हमला किया था, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से ज्यादा बंधक बना लिए गए. अभी भी लगभग 100 बंधक हमास के कब्जे में हैं. इस हमले ने इजरायल को बड़ी सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने पर मजबूर कर दिया.

उधर गाजा में बढ़ता मानवीय संकट
इजरायल ने हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा में कई हमले किए, जिसमें अब तक 45,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इन हमलों से बड़े पैमाने पर मानवीय संकट खड़ा हो गया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष विराम की मांगें तेज हो गई हैं.

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