लद्दाख हिंसा: चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दी भारत को अंजाम भुगतने की 'गीदड़ भभकी'
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लद्दाख हिंसा: चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दी भारत को अंजाम भुगतने की 'गीदड़ भभकी'

चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह प्रत्यक्ष तौर पर भले ही शांतिपूर्ण समाधान की बात कर रहा हो, लेकिन मीडिया के जरिए वह भारत को धमकाने में लगा है.

फाइल फोटो

बीजिंग: चीन (China) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह प्रत्यक्ष तौर पर भले ही शांतिपूर्ण समाधान की बात कर रहा हो, लेकिन मीडिया के जरिए वह भारत को धमकाने में लगा है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली (People's Daily) के टेबलायड न्यूज़पेपर ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने सफेद झूठ बोलते हुए कहा कि हाल ही में घटी घटना के लिए भारत जिम्मेदार है. साथ ही यह भी बताने की कोशिश की गई है कि भारत को इस गतिरोध के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.   

अखबार ने लिखा है कि अगर भारत ने सीमा पर तनाव बढ़ाया तो उसे तीन फ्रंट पर लड़ना पड़ सकता है. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक पाकिस्तान और नेपाल के चीन से अच्छे रिश्ते हैं लिहाजा जंग हुई तो भारत को चीन, पाकिस्तान या नेपाल से एक साथ जंग करनी पड़ सकती है और अगर ऐसा हुआ तो भारत की विनाशकारी हार होगी. अखबार ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि भारत ने अगर अपनी सेना को सीमा पर काबू में नहीं रखा तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

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घटना की जांच की मांग 
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने सीमा टकराव के संबंध में बुधवार को भारतीय विदेशमंत्री से बात की और उनसे कहा कि चीन लद्दाख में LAC पर हुई घटना की गहन जांच की मांग करता है. साथ ही चाहता है कि उन लोगों को कड़ी सजा मिले, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं. इसके अलावा, भारतीय सीमावर्ती सैनिकों को सख्त अनुशासन में रहना चाहिए और सभी भड़काऊ कार्रवाइयों को तुरंत रोकना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

कम आंकने की भूल न करें
अखबार का कहना है कि चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत से कहा है कि वह गालवन घाटी में तनाव कम करना चाहता है, लेकिन भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर से जानबूझकर उकसावे के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर लिया, और बातचीत के लिए गए चीनी अधिकारियों और सैनिकों पर भी हमला किया. भारतीय सेना के इस खतरनाक कदम ने सीमा मुद्दे पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल मानदंडों का गंभीर उल्लंघन किया है. भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. भारत को वर्तमान स्थिति को गलत ढंग से नहीं लेना चाहिए और उसे क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा की चीन की क्षमता को कम नहीं आंकना चाहिए.

ग्लोबल टाइम्स ने में चीनी विश्लेषकों के हवाले से कहा है कि दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों की फोन पर हुई बातचीत के दौरान चीन ने तनाव को कम करने के प्रति अपनी इमानदार इच्छा व्यक्त की और यह संदेश भी दिया कि चीन अपने सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. जिसका अर्थ है कि चाहे भारत तनाव कम करना या बढ़ाना चाहे, चीन उसके लिए पूरी तरह तैयार है.

सेना की क्षमता पर सवाल
अखबार ने भारतीय सेना की तैयारी और क्षमता पर भी सवाल उठाये हैं. साथ ही यह भी कहा है कि चीन-भारत सीमा टकराव होता ही नहीं यदि दोनों पक्ष आपसी बातचीत से इस मुद्दे को हल करते और धमकी भी दी कि यदि भारत सीमा क्षेत्र में अपने सैन्य बलों को नियंत्रित नहीं कर सकता, तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि COVID-19 की वजह से उसकी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है.

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एडिटर-इन-चीफ का बड़बोला बयान
वहीं, ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ Hu XIJIN ने भी भारत-चीन विवाद को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने धमकी भरे अंदाज में लिखा है, ‘भारतीय सोसाइटी कुछ गलत ख्यालों में है, जिसे वह समझ नही पा रही है. 1.यह भारतीय सैनिकों को LAC को पार करने से रोकने के लिए चीन की शक्ति पर शक कर रहे हैं, 2. यह सोचते है कि भारत के पास सीमा युद्ध में चीन को हराने की सैन्य क्षमता है’. 

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