Jammu-Kashmir Terrorism: ऑपरेशन की शुरुआत 28 अगस्त की रात करीब 9:50 बजे हुई, जब स्थानीय निवासियों ने तीन संदिग्ध आतंकियों को देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. देर रात से रुक-रुक कर फायरिंग जारी है और ऑपरेशन में सेना द्वारा ड्रोन और डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली जा रही है.
Trending Photos
Jammu-Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के गुंदा खवास क्षेत्र के लाठी इलाके में सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन जारी है. इस ऑपरेशन में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और पैरामिलिट्री फोर्सेज की स्पेशल यूनिट्स शामिल हैं. बताया जा रहा है कि तीन आतंकियों को इस इलाके में घेर लिया गया है, जो पाकिस्तानी नागरिक बताए जा रहे हैं.
ऑपरेशन की शुरुआत 28 अगस्त की रात करीब 9:50 बजे हुई, जब स्थानीय निवासियों ने तीन संदिग्ध आतंकियों को देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. देर रात से रुक-रुक कर फायरिंग जारी है और ऑपरेशन में सेना द्वारा ड्रोन और डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली जा रही है.
सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन में स्पेशल बख्तरबंद गाड़ियों का भी उपयोग किया है, जिन पर स्टील बुलेट्स का भी कोई असर नहीं होता. इलाके में तैनात जवानों में सेना की पैरा फोर्सेज और पुलिस की एसओजी टीम शामिल हैं, जो इस ऑपरेशन को अंजाम देने में जुटी हुई हैं.
राजौरी में बढ़ी आतंकी गतिविधियां, बढ़ी सुरक्षा
पिछले दो से तीन वर्षों में राजौरी और पूंछ इलाकों में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई हैं. आतंकी अब आगामी विधानसभा चुनावों में खलल डालने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसको देखते हुए सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर आतंक विरोधी अभियान छेड़ रखा है, ताकि चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और निष्कलंक तरीके से संपन्न किया जा सके.
घाटी में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होगा, दूसरा 25 सितंबर को और तीसरा और आखिरी चरण 1 अक्टूबर को होगा. राजौरी में चुनाव का दूसरा चरण होगा, जिसके लिए 29 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है.
चुनावों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है. पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की 1000 से अधिक कंपनियां तैनात की गई हैं, ताकि चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न किया जा सके.