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तेहरान: अमेरिका (America) सहित पश्चिमी देश जहां ईरान (Iran) के साथ रिश्ते को सामान्य बनाने की कोशिशों में लगे हैं. वहीं, ईरान अपनी भड़काऊ बयानबाजी से बाज नहीं आ रहा है. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक शीर्ष कमांडर (Top Commander of the Revolutionary Guards) ने दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि देश के पास 7000 किमी (4,375 मील) की रेंज वाले ड्रोन (Drone) हैं. कमांडर के इस बयान को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरे के रूप में देखा जा रहा है.
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में ईरानी स्टेट एजेंसी IRNA के हवाले से छपी खबर के अनुसार, गार्ड्स कमांडर-इन-चीफ हुसैन सलामी (Hossein Salami) ने कहा है कि ईरान के पास 7,000 किलोमीटर की लंबी दूरी के Unmanned Aerial Vehicles (ड्रोन) हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारे ड्रोन उड़ान भर सकते हैं और निर्धारित स्थान पर सुरक्षित लैंडिंग कर सकते हैं.
कमांडर-इन-चीफ हुसैन सलामी ने यह भड़काऊ बयानबाजी ऐसे समय की है जब ईरान और छह प्रमुख वैश्विक शक्तियां 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए बातचीत कर रही हैं. बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते को एकतरफा करार देते हुए खुद से इससे अलग कर लिया था और ईरान पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगा दिए थे. तब से ईरान अमेरिका को लेकर भड़का हुआ है और उसका कहना है कि पहले यूएस को प्रतिबंध हटाने चाहिए.
पश्चिमी सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, ईरान कभी-कभी अपनी क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है. हालांकि, ईरान की सीमा निगरानी प्रणाली में ड्रोन एक प्रमुख तत्व है. ईरान और उसके द्वारा समर्थित क्षेत्रीय ताकतों ने हाल के वर्षों में यमन, सीरिया, इराक में ड्रोन पर काफी भरोसा किया है. वैसे तो ईरान की तरफ से भड़काऊ बयानबाजी समय-समय पर की जाती रही है, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद उसके तेवर काफी बदल गए हैं.
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) ने हाल ही में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि उनका अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से मिलने का कोई इरादा नहीं है और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम (Ballistic Missile Program) पर ईरान कोई समझौता नहीं करेगा. राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में रईसी ने अमेरिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर ईरान कोई समझौता नहीं करेगा और इस मुद्दे पर वह अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात का इरादा नहीं रखते हैं.