ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (British Antarctic Survey) के अनुसार 26 फरवरी की सुबह अंटार्कटिक की सतह पर दरार आ गई थी, फिर वो तैरते हुए बर्फ की चट्टान से अलग हो गया. इस घटनाक्रम का पहला संकेत नवंबर 2020 में मिला था.
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नई दिल्ली: अंटार्कटिका (Antarctica) से एक बार फिर चिंताजनक खबर आई है. धरती के इस ध्रुव से एक विशाल हिमखंड (Massive Iceberg) के टूटने की खबर आई है. ब्रिटिश अंटार्टिक सर्वे (British Antarctic Survey) के मुताबिक इस हिमखंड का आकार 1270 वर्ग किलोमीटर का है. एरिया की बात करें तो इसका साइज ग्रेटर लंदन (Greater London) या फिर अमेरिका के न्यूयॉर्क (New York) शहर के बराबर है.
बताया जा रहा है कि हिमखंड कैल्विंग की प्रक्रिया के कारण अलग हुआ था. इस क्षेत्र में पहले भी दरारें देखी गई थीं. अंटार्कटिका के ब्रंट आइस शेल्फ में बड़ी दरारों का फुटेज पहले ही मिल चुका था. इस वजह से इसके टूटने की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी. इतने बड़े हिस्से के टूटने के बाद दुनिया का ध्यान इस पर गया है. वैश्विक चर्चाओं के मुताबिक हिमखंड के टूटने का ये मामला ग्लोबल वार्मिंग से जुड़ा हुआ हो सकता है.
Brunt Ice Shelf calves along North Rift chasm - A 1270 km² #iceberg has broken off the #BruntIceShelf.#HalleyVI Research Station is closed for the winter and unlikely to be affected.
Full story: https://t.co/l13QrWdnB0
#NorthRift, #Antarctica, 16 Feb 2021, @BAS_News pic.twitter.com/QyNt7sVOzT
— British Antarctic Survey (@BAS_News) February 26, 2021
ब्रिटिश अंटार्टिक सर्वे के निदेशक और प्रोफेसर डेम जेन फ्रांसिस (Dame Jane Francis) के मुताबिक वैज्ञानिक यहां नियमित आधार पर जीपीएस उपकरणों और सैटेलाइट की मदद से काम कर रहे थे. हिमखंड में दरार शुक्रवार की सुबह बहुत पहले ही बढ़ गई थी, जब हिमखंड पूरी तरह से टूट गया. संस्थान की ओर से ये भी बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन यानी ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ऐसे हिमशैल अक्सर टूट कर सागर में गिर जाते हैं.
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ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के अनुसार 26 फरवरी की सुबह अंटार्कटिक की सतह पर दरार आ गई थी, फिर वो तैरते हुए बर्फ की चट्टान से अलग हो गया. जिसके बाद ही विशालकाय हिमखंड का निर्माण हुआ. बताया जा रहा है कि जनवरी से ही हर रोज करीब 1 किमी की रफ्तार से अपनी सतह से अलग हो रहा था. इसका पहला संकेत नवंबर 2020 में मिला था. ये हिमखंड ब्रिटिश रिसर्च स्टेशन के नजदीक टूटा है. हालांकि कहा जा रहा है कि इससे रिसर्च स्टेशन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
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