पिछले साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले (Pulwama terror attack) की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कई अहम खुलासे किये हैं.
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जम्मू: पिछले साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले (Pulwama terror attack) की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कई अहम खुलासे किये हैं. NIA की चार्जशीट में कहा गया है कि हमले को अंजाम देने के लिए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर (Jaish-e-Mohammed (JeM) chief Masood Azhar) के भतीजे मोहम्मद उमर फारूक (Mohammed Umar Farooq) के बैंक खाते में 10 लाख रुपए ट्रांसफर किये गए थे.
NIA का कहना है कि आत्मघाती हमले के मुख्य आरोपी फारूक के तीन बैंक खातों में पाकिस्तानी मुद्रा में 10 लाख रुपये जमा किये गए थे. बाद में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में फारूक की मौत हो गई थी. यह पैसा पिछले साल जनवरी और फरवरी के बीच आतंकवादी संगठन JeM द्वारा जमा किया गया था.
कार और विस्फोटक पर छह लाख खर्च
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में दायर चार्जशीट में जांच एजेंसी ने बताया है कि आतंकवादियों ने विस्फोटक और हमले में इस्तेमाल की कार खरीदने के लिए लगभग छह लाख रुपये खर्च किए थे. चार्जशीट के अनुसार, लगभग 2.80 लाख रुपये अमोनियम नाइट्रेट सहित लगभग 200 किलोग्राम विस्फोटक खरीदने पर खर्च हुए थे. हमले में इस्तेमाल किया गया RDX पाकिस्तान से घाटी में लाया गया था. आरोपी मुदासिर अहमद जिलेटिन की छड़ें खरीदी थीं और वजी उल इस्लाम ने चार किलोग्राम एल्यूमीनियम पाउडर का इंतजाम किया था.
पाक से मिल रहे थे निर्देश
एनआईए ने कहा कि धमाके को अंजाम देने के लिए IED को 160 किलोग्राम और 40 किलोग्राम वजन वाले दो कंटेनरों में कार में रखा गया था. हमले वाले दिन यानी 14 फरवरी 2019 को शाकिर बशीर विस्फोटक से भरी इको कार को नेशनल हाईवे तक लाया था और उसके बाद आदिल अहमद डार ने 200 किलो विस्फोटक से भरी उस कार को सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दिया. NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में बैठे जैश के कमांडर मसूद अजहर, अब्दुल रऊफ और अम्मार अली पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों को लगातार निर्देश दे रहे थे.
13,800 पन्नों की चार्जशीट में उजागर कई राज
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 19 आरोपियों के खिलाफ 13,800 पन्नों की चार्जशीट दायर की है. जिसमें NIA ने कहा है कि पुलवामा हमला पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व में रची गई सुनियोजित आपराधिक का हिस्सा था. जांच एजेंसी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि जैश-ए-मोहम्मद अपने कैडरों को अफगानिस्तान में अल-कायदा-तालिबान-जेईएम और हक्कानी-जेएम के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों में विस्फोटकों आदि का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेज रहा है. पुलवामा हमले के मुख्य आरोपी उमर फारूक को भी अफगानिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था. 2016-17 में वह अफगानिस्तान गया था और अप्रैल, 2018 में जम्मू के सांबा सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारत में घुसपैठ की थी.