China-Taiwan में जंग का बढ़ा खतरा? पढ़िए ताइपे पर 'ड्रैगन' की बुरी नजर की इनसाइड स्टोरी
Advertisement
trendingNow12261589

China-Taiwan में जंग का बढ़ा खतरा? पढ़िए ताइपे पर 'ड्रैगन' की बुरी नजर की इनसाइड स्टोरी

China Taiwan clash: चीन को जवाब के लिए ताइवान तैयार है. ताइवान कोई गलती करने के मूड में नहीं है. उसने भी एंटी शिप मिसाइलें तैनात करते हुए चीन के जंगी जहाजों की निगरानी बढ़ा दी है. हाल ही में चीन के 35 जेट्स ताइवान की सीमा में घुसे थे. जिसके बाद ताइवान भी आर-पार के मूड में है.

China-Taiwan में जंग का बढ़ा खतरा? पढ़िए ताइपे पर 'ड्रैगन' की बुरी नजर की इनसाइड स्टोरी

China Taiwan conflict: ताइवान के नए राष्ट्रपति की ताजपोशी चीन से हजम नहीं हो रही है. बीजिंग के अफसरों के पेट में यह बात पच नहीं पा रही है कि आखिर ताइवान में चीन परस्त सरकार क्यों नहीं बन पा रही है. इसी बात से भड़के चीन ने ताइवान सीमा पर तनाव बढ़ाने के लिए मिलिट्री ड्रिल शुरु की. जिसके बाद ताइवान भी अब पूरी तरह से तैयार नजर आ रहा है. ताइवान की सेना भी युद्धाभ्यास में जुट गई है. जिसकी वजह से दुनिया में एक और युद्ध की आहट बढ़ गई है. चीन की ओर से ये युद्धाभ्यास उस वक्त हो रहा है जब ताइवान के नए राष्ट्रपति ने सत्ता संभाली है. लेकिन ताइवान भी चीन की चाल के सामने झुकने को तैयार नहीं है. उसकी ओर से भी सैन्य तैयारियां पुख्ता हैं.

चीन और ताइवाव के बीच तनाव चरम पर है. चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है. ताइवान सीमा पर मिलिट्री ड्रिल कर रहा है. लेकिन ताइवान भी ड्रैगन को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए तैयार है. चीन को जवाब देने के लिए ताइवान नौसेना जहाज़ बेस से फाइटर जेट्स उड़ान भर रहे हैं. ताइवान के सैनिक ड्रैगन से टक्कर लेने के लिए एंटी-शिप मिसाइल लॉन्चर चला रहे हैं. रडार से चाइनीज जहाजों और फाइटर जेट्स के साथ वॉर शिप पर नजर रखी जा रही है. ताइवान के सैनिक चीनी युद्धपोतों की निगरानी कर रहे हैं. ताइवान का P-3C युद्ध गश्ती विमान चीनी युद्धपोतों के ऊपर उड़ान भर रहा है.

कुल मिलाकर ताइवान चीन से टकराने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रहा है.  चीन की घेराबंदी से बचाव के लिए ताइवान सुपरसोनिक मिसाइलों को भी तैनात कर दिया है. ताइवानी रक्षा मंत्रालय  के मुताबिक, 'चीन के 49 फाइटर जेट्स ताइवान की सीमा में दिखे. 19 नौसैनिक जहाजों को भी ताइवान की सेना ने ट्रैक किया. ताइवान की सेना चीनी तट रक्षक जहाजों पर भी नज़र रख रही है.'

दूसरी ओर चीन के खतरनाक फाइटर जेट्स आसमान में उड़ान भर रहे हैं. आशंका है कि ड्रिल के बहाने ड्रैगन ताइवान के खिलाफ कभी भी युद्ध का ऐलान कर सकता है. जानकारी के मुताबिक इस वक्त चीन के 42 से ज्यादा मिलिट्री एयरक्राफ्ट ताइवान के आसपास उड़ान भर रहे हैं. इनमें से करीब 28 ने मीडियन लाइन को पार भी किया. चीन ने ताइवान के चारों तरफ 15 युद्धपोत, 16 कोस्ट गार्ड शिप तैनात किए हैं.

हलांकि ताइवान भी अमेरिका और अपने मित्र देशों की मदद से चीन की हर चाल का जवाब देने को तैयार नजर आ रहा है. ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने भी ऐलान किया था कि वो  राष्ट्रीय शांति की रक्षा के लिए राष्ट्रीय सेना के सभी भाइयों और बहनों के साथ सबसे आगे खड़े रहेंगे. इस वक्त पूरी दुनिया की नजर लोकतांत्रिक ताइवन पर है, हम बाहरी चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहे हैं, और इन खतरों के बीच लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा करना जारी रखेंगे.'

ताइवान के नए राष्ट्रपति के शपथ लेने के बाद से ही चीन आक्रामक रुख अपनाए हुए है. ना सिर्फ चीन ताइवान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है. बल्कि दुनिया को एक और युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है. इस बीच वार जोन का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें चाइनीज नेवी के सैनिक रेडियो कम्मुनिकेशन के दौरान ताइवानी वॉरशिप से बड़ी बेहूदगी से बात कर रहे हैं.

ताइवान चीन की साजिश को समझ रहा है. लिहाजा एंटी-शिप मिसाइलों को तटों के पास तैनात किया गया है. जो दुश्मन के जहाजों, मिसाइलों, फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर को आसमान में ही मार कर गिरा सकते हैं. चीन के सामने ताइवान किसी भी तरह झुकने को तैयार नहीं है. दूसरी ओर चीन सैन्य ड्रिल को राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा के लिए जरूरी बता रहा है.

इसी बीच चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंबिन ने कहा, 'ताइवान द्वीप के आसपास चीन के युद्धाभ्यास और प्रशिक्षण का मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना है, साथ ही ताइवान में स्वतंत्रता की मांग करने वाली अलगाववादी ताकतों को सख्ती से दंडित करना और उकसावे की बाहरी ताकतों को गंभीर चेतावनी देना है. ये ड्रिल इंटरनेशनल कानून के मुताबिक हो रही है.'

चीन सैन्य ड्रिल को इंटरनेशनल कानून के तहत बता रही है. जबकि ताइवान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ये एक उकसावे वाली कार्रवाई है. वो अपने अधिकार क्षेत्र की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

दरअसल चीन ने ताइवान को हमेशा से एक ऐसे प्रांत के तौर पर देखा है, जो उससे अलग हो गया है. चीन दावा करता रहा है कि एक दिन ताइवान, चीन का हिस्सा बन जाएगा. लेकिन ताइवान के लोग ख़ुद को अलग राष्ट्र के तौर पर देखते हैं. इस बार फिर से ताइवान में चीन विरोधी सरकार की जीत हुई है और वो अपने को आजाद मुल्क के तौर पर देखना चाहते हैं, जिससे चीन चिढ़ा हुआ है. क्योंकि वो नए ताइवानी राष्ट्रपति को फूटी आंख भी नहीं देखना चाहता है.

Trending news