अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को पनाहगाह मुहैया करा रहा है.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने कहा है कि पाकिस्तान रोकी गई अमेरिकी सैन्य मदद को बहाल करने की मांग नहीं करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद से लड़ाई को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व की ओर से की गई तल्ख टिप्पणी ‘विश्वासघात’ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को पनाहगाह मुहैया करा रहा है. उन्होंने कहा था कि पिछले 15 वर्षों में पाकिस्तान को 33 अरब अमेरिकी डॉलर दिए गए, लेकिन बदले में पाकिस्तान से सिर्फ झूठ मिला. अमेरिकी सरकार ने इसकी पुष्टि की है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली दो अरब डॉलर की मदद रोक दी गई है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि ट्रंप के इस बयान के बाद जनरल बाजवा के पास अमेरिकी मध्य कमान के कमांडर जनरल जोसेफ एल वोटेल तथा एक अमेरिकी सीनेटर का फोन आया. बयान में कहा गया, ‘‘सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने इस बात को दोहराया कि पाकिस्तान मदद की बहाली की मांग नहीं करेगा, लेकिन यह उम्मीद करता है कि क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे योगदान, बलिदान और संकल्प को ससम्मान स्वीकार किया जाएगा.’’ जनरल बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान खुद को ‘बलि का बकरा’ बनाए जाने की कवायद के बावजूद अफगानिस्तान में शांति के लिए सभी पहल का समर्थन करता रहेगा.
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क नाम के आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने में पाकिस्तान के नाकाम रहने और अपनी सरजमीं पर उनके पनाहगाह को नेस्तनाबूद करने में नाकाम रहने को लेकर इस्लामाबाद को सुरक्षा सहायता के तौर पर 1.15 अरब डॉलर से अधिक धन और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति शुक्रवार (5 जनवरी) को रोक दी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नववर्ष ट्वीट के बाद पाकिस्तान को सभी सुरक्षा सहायता रोकने का कदम उठाया गया है. दरअसल, ट्रंप ने ट्वीट में आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने अमेरिका को झूठ और फरेब के सिवा कुछ नहीं दिया है तथा उसने पिछले 15 बरसों में 33 अरब डॉलर की मदद के बदले में आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया किया. रोकी गई रकम में वित्तीय वर्ष 2016 के लिए 25. 5 करोड़ डॉलर का फॉरेन मिलिट्री फंडिंग भी शामिल है. इसके अलावा रक्षा विभाग ने पाकिस्तान को 2017 के लिए 90 करोड़ डॉलर का गठबंधन सहायता कोष और पिछले वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं किए गए अन्य धन को भी रोक दिया.
अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता हीथर नॉएर्ट ने संवाददाताओं से कहा, ‘आज हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि हम इस वक्त पाकिस्तान को राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता उस समय तक के लिए रोक रहे हैं जब तक कि पाक सरकार अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क सहित आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करती.’ उन्होंने कहा हमें लगता है कि आतंकी संगठन क्षेत्र को अस्थिर कर रहे हैं और अमेरिकी सैनिकों को भी निशाना बना रहे हैं. अमेरिका पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकेगा. उन्होंने कहा, ‘इसलिए अमेरिका कानून के अनुसार जरूरी नहीं होने पर सैन्य उपकरण नहीं देगा ना ही सुरक्षा से जुड़े कोष देगा.’
(इनपुट एजेंसी से भी)