जापान वैज्ञानिकों द्वारा जांच पूरी होने के बाद इन नमूनों को NASA और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसी को अतिरिक्त जांच के लिए सौंप दिया जाएगा.
इन नमूनों को जापानी Hayabusa 2 अंतरिक्ष यान ने पिछले साल यानी 2019 में इकट्ठा किया था. हाला ही में ये अंतरिक्ष यान धरती पर सुरक्षित लौटा है. जापानी विशेषज्ञों ने कहा कि ऐस्टरॉइड Ryugu से आए ये नमूने मोटाई में 0.4 इंच के हैं और चट्टान की तरह से कठोर हैं. इसमें छोटे, काले और रेत की तरह से कण दिखाई पड़े थे.
अधिक जानकारी देते हुए एजेंसी ने बताया कि यान दूसरी बार जुलाई 2019 में ऐस्टरॉइड पर उतरा था. इस दौरान यान ने एक इंपैक्टर को ऐस्टरॉइड की सतह पर गिराया था जिसने उसकी सतह पर विस्फोट किया. इससे ऐस्टरॉइड के वे नमूने ऊपर आ गए जो स्पेस रेडिएशन से प्रभावित नहीं थे.
रियगु एक जापानी नाम है जिसका मतलब 'ड्रैगन का महल' होता है. रियगु एक ऐसा ऐस्टरॉइड है जो पृथ्वी के बेहद करीब है. यह आकार में करीब 1 किलोमीटर का है. धरती से रियगु की दूरी करीब 30 करोड़ किलोमीटर है.
इन अनमोल नमूनों के अब साइंस ऑब्जर्वेशन ऑपरेशन किए जाएंगे और धरती और चांद को साइंटिफिक इंस्ट्रमेंट्स की मदद से ऑब्जर्व किया जाएगा. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इन सैंपल्स की मदद से ऐस्टरॉइड के जन्म और धरती पर जीवन की उत्पत्ति से जुड़े जवाब मिल सकेंगे. जांच के बाद उसे NASA और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसी को इन नमूनों को देगा ताकि उसकी अतिरिक्त जांच की जा सके.
बताते चलें कि जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी का Hayabusa 2 मिशन दिसंबर 2014 में लॉन्च किया गया था. यह 2018 में Ryugu पर पहुंचा और 2019 में सैंपल इकट्ठा किए गए जिनमें से कुछ सतह के नीचे थे. Hayabusa 2 कैप्सूल पहली बार किसी ऐस्टरॉइड के अंदरूनी हिस्से से चट्टानी सैंपल लेने वाला मिशन बना है.
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