Advertisement
trendingPhotos913561
photoDetails1hindi

वैज्ञानिकों ने Lab में तैयार किया 'मां का दूध', 3 साल बाद मिलेगा Market में

वैज्ञानिकों ने पहली बार लैब में मां का दूध तैयार कर लिया है. इसे तैयार करने वाली अमेरिकी स्‍टार्ट-अप बायोमिल्‍क की फाउंडर्स का कहना है कि वे 3 साल में इसे मार्केट में उपलब्‍ध करा देंगी.

स्‍टार्ट-अप ने हासिल की उपलब्धि

1/5
स्‍टार्ट-अप ने हासिल की उपलब्धि

अमेरिकी स्‍टार्ट-अप बायोमिल्क (Biomilq) ने यह उपलब्धि हासिल की है. बायोमिल्‍क ने महिलाओं की ब्रेस्‍ट की कोशिकाओं से दूध को तैयार करने में कामयाबी पाई है. कंपनी का कहना है कि लैब में तैयार किए गए इस दूध में काफी हद तक वे सभी पौष्टिक तत्व हैं जो आमतौर पर ब्रेस्ट मिल्क में पाए जाते हैं. जैसे कि प्रोटीन, कॉम्‍प्‍लेक्‍स कार्बोहाइड्रेट, बायोएक्टिव लिपिड्स आदि.

लेकिन एंटीबॉडीज का है अंतर

2/5
लेकिन एंटीबॉडीज का है अंतर

हालांकि दोनों ही दूध में केवल एक अंतर है, वो है एंटीबॉडीज का है. बायोमिल्‍क की को-फाउंडर और चीफ साइंस ऑफिसर डॉक्टर लीला स्ट्रिकलैंड ने फोर्ब्स के साथ बातचीत में कहा कि एंटीबॉडी ना होने के बावजूद हमारे प्रोडक्ट का न्यूट्रिशिनल और बायोएक्टिव कंपोजिशन किसी भी अन्‍य प्रोडक्ट के मुकाबले ज्यादा है. साथ ही काफी कुछ ब्रेस्ट मिल्क (Breast milk) जैसा ही है.

खुद के बेटे को नहीं मिल पाया था पर्याप्‍त दूध

3/5
खुद के बेटे को नहीं मिल पाया था पर्याप्‍त दूध

इनसाइडर डॉट कॉम के मुताबिक पेशे से सेल बायो‍लॉजिस्‍ट स्ट्रिकलैंड का बेटा समय से पहले पैदा हो गया था. इस कारण उन्‍हें अपने बेटे के लिए ही पर्याप्‍त दूध देने में खासी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा. इसके बाद 2013 में उन्‍होंने लैब में ब्रेस्‍ट मिल्‍क तैयार करने की इस दिशा में काम शुरू किया.  2019 में उन्‍होंने फूड साइंटिस्‍ट मिशेल एगर के साथ पार्टनरशिप की.

अगले 3 साल में मार्केट में होगा उपलब्‍ध

4/5
अगले 3 साल में मार्केट में होगा उपलब्‍ध

एगर कहती हैं कि हमारा प्रॉडक्ट इम्युन डेवलेपमेंट, आंतों की परिपक्वता, माइक्रोबायोम की आबादी और दिमाग के विकास को जिस तरह से सपोर्ट करता है वैसा कोई अन्‍य प्रॉडक्ट नहीं कर सकता है. हमारी कोशिश है कि हम इस प्रॉडक्ट को अगले तीन सालों में मार्केट में उपलब्ध कराएं.

ब्रेस्‍ट फीडिंग का विकल्‍प देने का है मकसद

5/5
ब्रेस्‍ट फीडिंग का विकल्‍प देने का है मकसद

इतनी बड़ी खोज करने वाली इन महिला वैज्ञानिकों का कहना है कि वे अपने प्रोडक्‍ट के जरिए ब्रेस्ट फीडिंग को खत्म नहीं करना चाहती हैं. बल्कि उनका मकसद ब्रेस्‍ट फीडिंग का विकल्प देने का है. वे चाहती हैं कि हर व्‍यक्ति को अपने परिवार के लिए बेहतर फैसले लेने का अधिकार होना चाहिए. इसी के तहत हम अपने प्रोडक्‍ट के जरिए एक विकल्‍प (Option) दे रहे हैं. 

ट्रेन्डिंग फोटोज़