बिलावल भुट्टो जरदारी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के ट्विटर हैंडल से जारी किया गया है.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी का एक उनकी पार्टी के ट्विटर हैंडल से जारी किया गया है जिसमें वह अपनी शादी को लेकर मजाकिया लहजे में जवाब देते नजर आ रहे हैं. उनके इस जवाब को सुनकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सभी लोग ठहाके लगाकर हंसने लगते हैं.
बिलावल भुट्टो से एक पत्रकार मजीद अब्बीसी पूछते हैं, ''पाकिस्तान की आवाम आपको दो रूप में देखना चाहती है. एक वजीरे आजम और दूसरा शादी के रूप में. क्या आपने शादी के सिलसिले में कोई फैसला किया है? और क्या वजीरे आजम बनने से पहले शादी करेंगे या बाद में?''
इसके जवाब में पीपीपी नेता कहते हैं, ''हां, इसको लेकर व्यापक बैठकें हो रही हैं. हम सटीक वक्त तय कर रहे हैं कि इलेक्शन के पहले या इलेक्शन के बाद या चुनाव प्रचार के दौरान हम शादी करें. चार सूबे हैं तो हर सूबे से एक बीवी होनी चाहिए और इसका चुनावी असर क्या होगा? जब हमारी रिपोर्ट पूरी हो जाती है तो मैं उसके आपके सामने पेश करता हूं.''
#کراچی، 2 فروری 2019:"شادی کے بارے میں سوچ وچار چل رہی ہے کہ ایک شادی کرنی چاہئیے یا چاروں صوبوں سے ایک ایک بیوی ہونی چاہئیے۔ اس بارے میں ہماری رپورٹ مکمل ہوتو میں آپ کو آگاہ کر دوں گا۔"
-چیئرمین پاکستان پیپلز پارٹی بلاول بھٹوزرداری کا صحافیوں کے ساتھ مزاحیہ اندازِ گفتگو pic.twitter.com/KnNmctWfvL— PPP (@MediaCellPPP) February 2, 2019
बता दें कि पाकिस्तान में चार प्रांत पंजाब, सिंध, खैबर-पख्तूनख्वा, और बलोचिस्तान हैं. वहीं, बिलावल पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी के एकलौते पुत्र हैं. उनके पिता आसिफ 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं.
पीपीपी नेताओं पर यात्रा पर बैन
हाल ही में (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी व सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं पर यात्रा प्रतिबंध जारी रखने का फैसला किया है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इसका फैसला प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को संघीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में लिया गया.
मंत्रिमंडल ने 27 दिसंबर की बैठक में फर्जी बैंक खातों व धनशोधन मामलों के 172 संदिग्धों का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में रखने का फैसला किया है. इसमें पीपीपी के शीर्ष नेताओं व बहरिया टाउन के मालिक मलिक रियाज के नाम शामिल हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर को सरकार को फैसले की समीक्षा का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की निगरानी कर रहा है.